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भारत का चीन को सख्त संदेश, कहा- बाज आओ, यदि नहीं बदले तो बिगड़ सकते हैं हालात

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की हरकत मौजूदा समझौतों की उपेक्षा है और इसकी वजह से आगे भी माहौल खराब होगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 06:33 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 04:36 AM (IST)
भारत का चीन को सख्त संदेश, कहा- बाज आओ, यदि नहीं बदले तो बिगड़ सकते हैं हालात
भारत का चीन को सख्त संदेश, कहा- बाज आओ, यदि नहीं बदले तो बिगड़ सकते हैं हालात

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। एलएसी पर लगातार चालबाजी कर रहे चीन को भारत ने साफ शब्‍दों में कह दिया है कि उसे बाज आना ही होगा और एलएसी पर पूर्व स्थिति बहाल करनी होगी अन्‍यथा हालात खराब होंगे। ऐसे समय जब गलवन घाटी में दोनों देशों की सेनाएं कुछ सौ मीटर की दूरी पर तैनात हैं। भारत ने हालात बिगाड़ने के लिए चीन को जिम्‍मेदार ठहराया है। भारत ने आधिकारिक तौर पर माना है कि चीन की तरफ से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी (Line of Actual Control, LAC) के पास चीन ने बड़े पैमाने पर अपने सैनिक और हथियारों की तैनाती की है।

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किसी भी सहमति को नहीं मान रहा चीन 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्ताव ने कहा है कि मई से ही चीन ने गलवन घाटी क्षेत्र में भारत की सामान्य पेट्रोलिंग में अड़चन डालना शुरू किया। इस पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत भी हुई। मध्य मई में चीन ने पश्चिमी सेक्टर में भी यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। भारत ने सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर साफ कहा था कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीते छह जून को कमांडर स्तर की बातचीत में यथास्थिति बनाने पर सहमति बनी थी लेकिन चीन ने इसका भी उल्लंघन किया जिसके चलते 15 जून को हिसंक झड़पें हुईं। 

मई के शुरुआत से ही तैनाती बढ़ा रहा था ड्रैगन 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मई के शुरुआत से ही चीन ने एलएसी के पास बड़ी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती करनी शुरू कर दी थी जो 1993 में हुए समझौते का उल्लंघन था। समझौते में इस बात का जिक्र है कि दोनों देश एलएसी के पास अपनी सीमा में सैनिकों की तैनाती एक मित्रवत पड़ोसी की भावना के तहत करेंगे लेकिन चीन ने इसका भी उल्‍लंघन किया। चीन के रुख को देखते हुए ही भारत को अपनी सुरक्षा के उपाय करने पड़े। भारतीय सैनिक समूचे एलएसी से परिचित हैं और हमेशा पारंपरिक नियमों का पालन करते रहे हैं। 

सारी मर्यादाओं को किया तार-तार 

अनुराग श्रीवास्ताव ने कहा कि लंबे समय से भारतीय सैनिक गलवन घाटी में पेट्रोलिंग करते रहे हैं। भारत ने जो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है... वह सीमा के भीतर है। हालांकि चीन इसका पालन नहीं करता इसी वजह से दोनों सेनाओं के बीच कई बार झड़पें हुई हैं। यह उल्‍लेख इसलिए जरूरी है क्‍योंकि चीन की तरफ से यह आरोप लगाया जा रहा है कि भारत पुलों और सड़कों के निर्माण में एलएसी का उल्लंघन कर रहा है। चीन ने पहले भी समझौतों का उल्लंघन किया है लेकिन इस बार उसने सारे नियमों और मर्यादाओं को ताक पर रख दिया है। 

पहले तैनाती बढ़ाई फ‍िर गलवन पर किया दावा 

विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा कि एलएसी पर बड़े पैमाने पर सैनिकों की तैनाती करने के साथ ही चीन ने भारतीय इलाके पर अपना दावा भी करना शुरू कर दिया है। इससे स्थिति और बिगड़ी है। गलवन घाटी पर चीन का दावा ऐसा ही बदलाव है। हालांकि भारत ने बुधवार को सीमा विवाद सुलझाने के लिए गठित विशेष व्यवस्था के तहत हुई बैठक को सकारात्मक कदम बताया। भारत ने उम्मीद जताई है कि चीन सरकार हाल के दिनों में हुई बातचीत में जो सहमति बनी है उसे जमीनी तौर पर लागू करने के लिए कदम उठाएगी ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाली हो सके। 

एक तरफ शांति की बात दूसरी तरफ घात 

इस बीच चीन ने भरोसा दिया है कि सीमा पर जारी गतिरोध को खत्‍म करने के लिए वह भारत के साथ काम करने के लिए तैयार है। राजधानी दिल्‍ली में चीन के राजदूत सुन वेईदोंग ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही अपने सीमाई विवाद सुलझाने में सक्षम हैं। उन्‍होंने कहा कि चीन इस मसले पर किसी तीसरे पक्ष की मौजूदगी नहीं चाहता है। सीमा पर स्थिति नियंत्रण में और स्थिर है। चीनी राजदूत ने कहा कि हमें उम्‍मीद है कि भारतीय पक्ष भी सीमा पर शांति बनाए रखने की कोशिश करेगा। भारत कोई भी ऐसी कार्रवाई नहीं करेगा जिससे सीमा पर स्थितियां और खराब हों....

पाकिस्‍तान पर भारत के आरोप निकले सही 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने आतंकवाद के मसले पर पाकिस्‍तान को भी आईना दिखाया। फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ओर से पाकिस्तान को फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही रखे जाने के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह कदम दर्शाता है कि भारत के आरोप सही हैं और इस्‍लामाबाद आतंकियों की फंडिंग रोकने के लिए यथोचित कदम नहीं उठा रहा है। मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव (Anurag Srivastava) ने कहा कि पाकिस्‍तान को अब यह अधिकार नहीं है कि वह जम्‍मू-कश्‍मीर समेत भारत के आंतरिक मामलों पर बयानबाजी करे।


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