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विदेश मंत्रालय ने कहा- फिलहाल वार्ता संभव नहीं, पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब

भारत ने पाकिस्तानी मीडिया की उन रिपोर्ट्स की हवा निकाल दी है जिनमें भारत के पाकिस्तान से बातचीत को लेकर राजी होने की बात सामने आ रही थी।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 12:48 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 09:45 PM (IST)
विदेश मंत्रालय ने कहा- फिलहाल वार्ता संभव नहीं, पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब
विदेश मंत्रालय ने कहा- फिलहाल वार्ता संभव नहीं, पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ने के साथ ही वित्तीय दबाव झेल रहे पाकिस्तान की भारत के साथ बातचीत को लेकर बेचैनी एक बार फिर देखने को मिली है। पाकिस्तान सरकार के हवाले से वहां के मीडिया में यह खबर चलवाई गई है कि भारत बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन इस दावे को भारत ने एक सिरे से खारिज करते हुए साफ तौर पर कहा है कि वार्ता तभी संभव होगी जब पाकिस्तान आतंक व हिंसा का त्याग कर बातचीत के लिए भरोसे का माहौल बनाएगा।

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पाकिस्तान के कुछ समाचार पत्रों ने गुरुवार को वहां के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से यह खबर दी कि भारत बातचीत के लिए तैयार है। पीएम नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वहां के अपने समकक्षों को पत्र लिख कर यह बात कही है। इस बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'यह सच्चाई को तोड़ने-मरोड़ने का मामला है। बहुत ही सीधी भाषा में लिखे पत्र को दूसरा रूप दिया जा रहा है। हमारे स्टैंड में कोई बदलाव नहीं है। यह फेक न्यूज को स्थापित करने की कोशिश है जो पाकिस्तान में बार-बार हो रहा है।'

रवीश कुमार ने कहा, 'पीएम मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर ने पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री इमरान खान व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को धन्यवाद पत्र जरुर लिखा है लेकिन उसका मजमून अलग है। इन्होंने लिखा है कि भारत पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ दोस्ताना संबंध चाहता है, लेकिन इसके लिए यह जरुरी है कि भरोसे का, आतंक व हिंसा मुक्त माहौल बने।'

विदेश मंत्री ने खास तौर पर आतंक से मुक्त माहौल की तरफ अपने पाकिस्तानी समकक्ष का ध्यान आकर्षित करवाया है। भारतीय पीएम व विदेश मंत्री ने ये पत्र पाकिस्तानी समकक्षों की तरफ से नई सरकार के गठन पर मिली बधाई के जवाब में लिखे थे।

यह पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय इस तरह की खबरें अपने यहां प्रचारित करा रहा है। इसके पीछे एक बड़ी वजह अमेरिका में शुरू हुई फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक है। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को निगरानी सूची में रखा है।

पाक से 27 प्वाइंट पर काम करने को कहा गया था, जिसमें से वह 25 प्वांइट पर कार्रवाई करने में फेल रहा है। इसकी वजह से एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अभी ग्रे सूची में डाला है, लेकिन उस पर काली सूची में डाले जाने की तलवार लटक रही है। अगर पाकिस्तान को काली सूची में डाल दिया जाता है तो उसका मौजूदा आर्थिक संकट और गंभीर हो जाएगा।

इसलिए पाकिस्तान बार-बार भारत के साथ बातचीत शुरू करने की कोशिश कर रहा है। इसके पहले हाल ही में बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन में मोदी और खान के बीच औपचारिक अभिवादन को पाकिस्तानी मीडिया में बातचीत के तौर पर छापा गया था।

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