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चीन पर नजर रखने के लिए भारत ने बनाई रणनीति, सीमा पर बिछेगा सड़कों और इमारतों का जाल

गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचएलईसी) ने इस पर मुहर लगाई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 07:57 AM (IST)
चीन पर नजर रखने के लिए भारत ने बनाई रणनीति, सीमा पर बिछेगा सड़कों और इमारतों का जाल

नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन की चाल पर नजर रखने के लिए भारत उससे लगती सीमाओं पर सड़कों और सामरिक भवनों का जाल बिछाएगा। अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से चीन से लगी सीमाओं पर सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण 19 सड़कों और 29 एकीकृत भवनों का निर्माण कराया जाएगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचएलईसी) ने इस पर मुहर लगाई है। अब इसे जल्द ही सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) के सामने रखा जाएगा।

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अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में 25 हजार करोड़ की लागत से होगा निर्माण

अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के अलावा गुजरात, राजस्थान, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में भी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ी परियोजनाओं पर सीसीएस की बैठक में विचार किया जाएगा। पूर्वोत्तर राज्यों में आसन्न खतरों को देखते हुए चीन से लगे सीमावर्ती इलाकों में सड़कों के निर्माण में तेजी लाने का फैसला अहम है। चीनी सैनिक आए दिन भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर जाते हैं। सामरिक दृष्टिकोण से भारत को घेरने की चाल में चीन हमेशा जुटा रहता है।

चीन की सीमा पर सामरिक दृष्टि से अहम 19 सड़कों व 29 एकीकृत इमारतों का होगा निर्माण

सीमा पर सड़कों व इमारतों के निर्माण से न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों में नजर रखना आसान होगा, बल्कि आपात स्थिति में कम समय में वहां तक पहुंच सुनिश्चित हो सकेगी। हालांकि, अरुणाचल और सिक्किम के पहाड़ी व दुर्गम इलाकों में सड़कें-इमारतें बनाना निर्माण एजेंसियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट में दो मीटर चौड़ी सड़कों का निर्माण भी शामिल है। इन परियोजनाओं के लिए वन और वन्यजीव से संबंधित मंजूरी मिल गई है। जमीन के अधिग्रहण का मामला भी सुलझ गया है। अब जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

बांग्लादेश से लगे सीमावर्ती राज्यों में बाड़ और सड़कों का होगा निर्माण

चीन के अलावा बांग्लादेश से लगी सीमा पर भी चौकसी बढ़ाने और मजबूत सुरक्षा सुनिश्चित करने की तैयारी है। बांग्लादेश से लगने वाले भारत के सभी राज्यों में सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्माण कार्य कराए जाएंगे। पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा में सीमा पर बाड़ लगाने और सड़कें बनाने का काम किया जाएगा। इससे सीमाओं पर निगरानी रखने और घुसपैठ पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

राजस्थान व गुजरात में पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर सड़कें और चौकियां बनाई जाएंगी

पाकिस्तान से लगने वाले पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाया जाएगा। इन क्षेत्रों में भी आवश्यकता के मुताबिक सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। गुजरात के तटीय इलाकों में भी निगरानी व्यवस्था को पुख्ता बनाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक गुजरात के तटीय इलाकों में 18 चौकियां स्थापित करने का फैसला किया गया है। 


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