चीन को लेकर भारत ने बदली रणनीति, हिंद महासागर क्षेत्र के देशों को मदद में कोताही नहीं
चीन की नौ सैनिक क्षमता को देखते हुए भारत ने हिंद व प्रशांत क्षेत्र के छोटे-छोटे देशों को लेकर अपनी रणनीति बदल दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन जिस तरह से हिंद व प्रशांत क्षेत्र में अपनी नौ सैनिक क्षमता को मजबूत करने में लगा है उसे देखते हुए भारत ने भी इस क्षेत्र के छोटे-छोटे देशों को लेकर अपनी रणनीति बदल दी है। मालदीव, मारीशस, श्रीलंका जैसे मित्र राष्ट्रों को हर तरह से मदद करने की कोशिश जारी है।
भारत की मदद से मारीशस में सुप्रीम कोर्ट भवन का निर्माण, पीएम मोदी 30 जुलाई को करेंगे उद्घाटन
विदेश मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक उक्त तीनों देशों को तकरीबन 5.75 अरब डॉलर की संयुक्त मदद दी जा रही है। सिर्फ मारीशस को 60 करोड़ डॉलर की कर्ज की सुविधा और 35 करोड़ डॉलर की विशेष पैकेज दी गई है। भारत की मदद से निर्मित मारीशस की राजधानी पोर्ट लुईस में सुप्रीम कोर्ट भवन का निर्माण किया गया है जिसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को मारीशस के पीएम के साथ मिल कर करेंगे।
भारत की मदद से मालदीव में विकास कार्यो के लिए चल रही हैं 1.4 अरब डॉलर की परियोजनाओं
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पिछले डेढ़ वर्षो में मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह से पीएम नरेंद्र मोदी की चार मुलाकातें हो चुकी हैं और हर मुलाकात में विकास कार्यो पर सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। भारत वहां विभिन्न परियोजनाओं के लिए 1.4 अरब डॉलर की मदद दे रहा है। वहां अभी एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, एक कैंसर अस्पताल, एक हवाई अड्डा बनाने के साथ ही माले स्थित एक मस्जिद व मालदीव की सेना को आधुनिक बनाने की एक योजना भी भारत की मदद से लागू की जा रही है। इसी तरह से मारीशस में भारत की मदद से एक मेट्रो परियोजना, 953 इकाइयों वाली एक हाउसिंग परियोजना, एक सिविल सर्विस कालेज, रीनल यूनिट व कुछ मेडिक्लिनिक्स का निर्माण हो रहा है।
श्रीलंका में भारत की मदद से 60 हजार इकाइयों वाली हाउसिंग परियोजना पूरी
श्रीलंका में भारत की मदद से 60 हजार इकाइयों की क्षमता वाली हाउसिंग परियोजना पूरी हो चुकी है और कई अस्पताल परियोजनाओं का काम भी पूरा हो चुका है। अभी तक श्रीलंका में भारत 65 परियोजनाओं को पूरा कर चुका है। श्रीलंका को भारत ने पिछले कुछ वर्षो में 3.45 अरब डॉलर की वित्तीय मदद उपलब्ध कराई है।