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सर्वश्रेष्ठ सांसद सोमनाथ चटर्जी हार गए थे ममता बनर्जी से लोकसभा चुनाव

राजनीतिक करियर में एक के बाद एक जीत हासिल करनेवाले सोमनाथ चटर्जी जीवन का एक चुनाव पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने हार गए थे।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 10:23 AM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 11:20 AM (IST)
सर्वश्रेष्ठ सांसद सोमनाथ चटर्जी हार गए थे ममता बनर्जी से लोकसभा चुनाव
सर्वश्रेष्ठ सांसद सोमनाथ चटर्जी हार गए थे ममता बनर्जी से लोकसभा चुनाव

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल से 10 बार सांसद व १४वीं लोकसभा के अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का सोमवार सुबह सवा आठ बजे के करीब कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। वे 89 साल के थे। वह काफी दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका डायलिसिस भी हुआ था। रविवार को दिल का हल्का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उनकी स्थिति और बिगड़ गई थी। उनका उपचार करने वाली मेडिकल टीम के चिकित्सक ने रविवार को ही बताया था कि गुर्दे संबंधी समस्या से जूझ रहे चटर्जी को मंगलवार को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले महीने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष को मस्तिष्काघात के बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। पिछले 40 दिनों से चटर्जी का उपचार चल रहा था। स्वास्थ्य में सुधार के संकेत मिलने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी, लेकिन मंगलवार को हालत बिगड़ने के बाद उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था और सोमवार को सुबह उन्होंने दुनिया छोड़ दी। अस्पताल से उनका शव दक्षिण कोलकाता स्थित आवास पर ले जाया जाएगा। इसके बाद उनकी अंत्येष्टि की जाएगी।

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सोमनाथ चटर्जी का जन्म 25 जुलाई 1929 को असम के तेजपुर में हुआ था। उनके पिता का निर्मल चंद्र चटर्जी विख्याक अधिवक्ता थे और मां का नाम वीणापाणि देवी था। सोमनाथ चटर्जी के पिता अखिल भारतीय हिंदू महासभा के संस्थाकों में से थे एक थे। सोमनाथ चटर्जी ने कोलकाता और ब्रिटेन में पढ़ाई की। ब्रिटेन के मिडिल टैंपल से लॉ की पढ़ाई करने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट वकील हो गये। लेकिन इसके बाद उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया। वह एक प्रखर वक्ता के तौर पर लोगों की नजरों में आ चुके थे। सोमनाथ चटर्जी का राजनीतिक जीवन विरोधाभाषों के साथ शुरू हुआ। उनके पिता जहां दक्षिणपंथी राजनीति से थे तो सोमनाथ ने करियर की शुरुआत वामपंथी माकपा के साथ 1968 में की।

1971 में पहली बार वह सांसद चुने गये और फिर 10 बार लोकसभा के सांसद निर्वाचित होते रहे। राजनीति में सोमनाथ चटर्जी एक बहुत ही सम्मानित नेता के तौर पर देखा जाता है। सोमनाथ चटर्जी की पत्नी रेणु चटर्जी का कुछ दिन पहले ही निधन हो गया था। उनके परिवार में एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। 1971 से सांसद चुने जाने के बाद वह हर लोकसभा के लिये चुने गये। साल 2004 में वह 10वीं बार लोकसभा के लिये चुने गये। उन्होंने 35 सालों तक सांसद के तौर पर देश की सेवा की और 1996 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल 2004 में 14वीं लोकसभा के लिये उन्हें सभी दलों की सहमति से लोकसभा का अध्यक्ष बने थे।

माकपा ने दिया था पार्टी से निकाल

वर्ष 2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौता विधेयक के विरोध में माकपा ने तत्कालीन मनमोहन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। तब सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे। पार्टी ने उन्हें स्पीकर पद छोड़ देने के लिए कहा लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद मार्टी ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था। इसके बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था।

ममता बनर्जी से हार गए थे लोकसभा चुनाव

राजनीतिक करियर में एक के बाद एक जीत हासिल करनेवाले सोमनाथ चटर्जी जीवन का एक चुनाव पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने हार गए थे। 1984 में जादवपुर सीट पर हुए लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने तब सीपीएम के इस कद्दावर नेता को हराया था। इसके बाद ही उन्होंने अपना लोकसभा क्षेत्र बदल कर बोलवुर चले गए जहां से वह २००९ लोकसभा चुनाव के पहले तक सांसद रहे।


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