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कर्नाटक में लागू हो सकता है राष्ट्रपति शासन, जानिए क्यों बन रहे हैं ऐसे हालात ?

कर्नाटक की राजनीति की स्थितियों को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि वहां फिलहाल राष्ट्रपति शासन भी लागू हो सकता है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 01:37 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 03:02 PM (IST)
कर्नाटक में लागू हो सकता है राष्ट्रपति शासन, जानिए क्यों बन रहे हैं ऐसे हालात ?
कर्नाटक में लागू हो सकता है राष्ट्रपति शासन, जानिए क्यों बन रहे हैं ऐसे हालात ?

बेंगलुरु, आइएएनएस। कर्नाटक में सियासी संकट फिलहाल जारी है। फिलहाल वहां कोई भी सरकार काम नहीं कर रही है। कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के बाद कुमारस्वामीकी सरकार गिर गई। अब सरकार बनाने का दावा भाजपा को पेश करना है। लेकिन कर्नाटक में भाजपा किसी जल्दबाजी में नहीं दिख रही है। कर्नाटक बीजेपी के नेता बीएस येद्दयुरप्पा पहले कल ही राज्यपाल वजूभाई वाला से मिलने वाले थे और सरकार बनाने का दावा पेश करने वाले थे लेकिन अचानक ही येद्दयुरप्पा के कार्यक्रम में बदलाव हो गया और वो राज्यपाल से नहीं मिले।

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राष्ट्रपति शासन की संभावना क्यों ?
फिलहाल कर्नाटक विधानसभा में 15 बागी विधायकों के इस्तीफे पर कोई फैसला नहीं आया है। कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के रमेश कुमार ने अबतक इसको लेकर फैसला नहीं लिया है। लिहाजा जब तक 15 बागी विधायकों पर स्पीकर का कोई फैसला नहीं आ जाता। तबतक यहां राष्ट्रपति शासन लग सकता है। कर्नाटक बीजेपी के प्रवक्ता जी मधुसूदन के मुताबिक, 'अगर स्पीकर को बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करने या अस्वीकार करने में अधिक समय लगता है, तो राज्यपाल (वजुभाई वाला) राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं, क्योंकि हम ऐसी स्थिति में सत्ता में दावा करना पसंद नहीं करेंगे।'

मधुसूदन ने कहा कि स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों में समय लगेगा और अगर इसमें ज्यादा वक्त लगता है तो राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं और विधानसभा को तब तक के लिए निलंबित रख सकते हैं, जब तक कि हम अपने बहुमत से दावा करने और स्थिर सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं। अगर बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए जाते हैं या उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। ऐसे हालात में 6 महीनों के अंजदर 15 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने होंगे।

बागी विधायकों के इस्तीफे का मामला विधानसभा स्पीकर के पास फैसले के लिए लंबित है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के बागी विधायकों की याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। बीजेपी चाहती है कि पहले स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट के रूख का अंदाजा मिल जाए इसके बाद ही बात को आगे बढ़ाया जाए।

बागी विधायकों पर शुक्रवार तक फैसला संभव
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार भले ही गिर गई हो, लेकिन वहां अभी भी बागी विधायकों की किस्मत का फैसला होना बाकी है। विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार गुरुवार को अपने वकीलों के साथ इस मसले पर बैठक करेंगे। बताया जा रहा है कि शुक्रवार तक स्पीकर 15 बागी विधायकों पर कोई फैसला ले सकते हैं। लेकिन फिलहाल तो अभी कर्नाटक में राष्ट्रपति शासन के बादल मंडरा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई के अपने आदेश में कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष कानून के अनुसार बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायको को विधानसभा की कार्यवाही से हटा दिया था। तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वे सदन में भाग लेने के लिए मजबूर नहीं हो सकते जब उनका इस्तीफा 11 जुलाई से अध्यक्ष के समक्ष लंबित था, जब उन्होंने 10 जुलाई के निर्देश पर उन्हें फिर से प्रस्तुत किया। अगर अध्यक्ष को बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने में अधिक समय लगता है तो बागी विधायक इसमें सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के लिए उसका दरवाजा खटखटा सकते हैं।


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