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छत्‍तीसगढ़ में भाजपा ने पीएम केयर फंड में सिर्फ 83 हजार कार्यकर्ताओं ने जमा कराए फंड, कांग्रेस ने लगाए आरोप

भाजपा के प्रदेश में 25 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता हैं लेकिन पीएम केयर में सिर्फ 83 हजार कार्यकर्ताओं ने ही फंड जमा किया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 09:51 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 09:51 PM (IST)
छत्‍तीसगढ़ में भाजपा ने पीएम केयर फंड में सिर्फ 83 हजार कार्यकर्ताओं ने जमा कराए फंड, कांग्रेस ने लगाए आरोप
छत्‍तीसगढ़ में भाजपा ने पीएम केयर फंड में सिर्फ 83 हजार कार्यकर्ताओं ने जमा कराए फंड, कांग्रेस ने लगाए आरोप

रायपुर, राज्य ब्यूरो। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हर कार्यकर्ता को 10 नए लोगों से पीएम केयर में फंड जमा कराने का निर्देश दिया था। लेकिन छत्तीसगढ़ में बेहतर परिणाम सामने नहीं आया है। भाजपा के प्रदेश में 25 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता हैं, लेकिन पीएम केयर में सिर्फ 83 हजार कार्यकर्ताओं ने ही फंड जमा किया। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने जनसंवाद में बताया कि छत्तीसगढ़ से तीन करोड़ 40 लाख की राशि पीएम केयर्स फंड में जमा कराई गई है। 

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पीएम केयर के आंकड़े की सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस ने निशाना साधा

वहीं, कोरोना संकट के दौरान सेवाकार्य में 63 हजार कार्यकर्ताओं ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। प्रदेश संगठन की ओर से कोरोना संकट की रिपोर्ट केंद्रीय संगठन को भेजी गई, जिसे संतोषजनक नहीं माना गया है। भाजपा की ओर से पीएम केयर के आंकड़े की सार्वजनिक घोषणा के बाद कांग्रेस ने निशाना साधा है।

कोरोना काल में जमीन पर नजर नहीं आए भाजपा कार्यकर्ता 

कांग्रेस प्रदेश महामंत्री संगठन चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि भाजपा और उनके अनुशांगिक संगठन कोरोना काल में जमीन पर नजर नहीं आए। प्रदेश में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या सिर्फ छह लाख है, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराई। खास बात यह है कि इस राशि का कोरोना संकट में मजदूरों को लाने से लेकर इलाज में किया गया, जबकि भाजपा नेताओं की ओर से जमा पीएम केयर में राशि का एक भी पैसा राज्य को कोरोना से लड़ने के लिए नहीं मिला। 

कांग्रेस का आरोप है कि अब भाजपा के कार्यकर्ता ही उनके साथ नहीं है। ऐसे में पीएम केयर में दान करने वालों की संख्या घट गई है। प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 15 साल सत्ता में रहने के दौरान भाजपा सिर्फ 83 हजार कार्यकर्ताओं को ही जोड़ पाई। अगर भाजपा प्रदेश संगठन से लेकर मंडल संगठन, भाजयुमो, महिला मोर्चा और अन्य प्रकोष्ठों को जोड़ दिया जाए तो नेताओं की संख्या ही तीस हजार से ज्यादा हो जाएगी। इसमें पिछले 15 साल निगम-मंडल सहित लाभ के पद पर रहे नेताओं को जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 35 हजार से ज्यादा होगा। ऐसे में भाजपा नेताओं के पास दो से ज्यादा कार्यकर्ता तक नहीं हैं।

प्रदेश संगठन में बदलाव की बयार में सक्रिय नहीं हुए कार्यकर्ता

भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कोरोना संकट के दौरान ही प्रदेश संगठन में बदलाव की हलचल शुरू हो गई। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी का हटना तय माना जा रहा था। इसके कारण संगठन की सक्रियता कम रही। प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय और कुछ नेताओं ने डिजिटल बैठक करके पीएम केयर में दान, मास्क वितरण सहित अन्य अभियान की निगरानी की।


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