जेटली ने कहा- स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन ही नहीं, फिर भी होगी सख्त कार्रवाई
स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी की बढ़ोतरी को लेकर छपी खबरों को लेकर कालाधन से जोड़े जाने को अरुण जेटली ने भ्रामक करार दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के हमलों का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तर्को के साथ जवाब दिया है। उन्होंने इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया। कहा, जरूरी नहीं है कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन ही हो। फिर भी अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्विस बैंकों में चार साल में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसद की बढ़ोतरी को कालेधन से जोड़ने संबंधी खबरों को जेटली ने भ्रामक करार दिया है। इन खबरों के आधार पर विपक्षी दल कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार के कदमों के विफल होने का आरोप लगा रहे हैं। शुक्रवार को फेसबुक पर अपने ब्लॉग में अरुण जेटली ने सीबीडीटी की जांच का हवाला देते हुए बताया कि स्विस बैंकों में जमा करने वाले च्यादातर भारतीय मूल के वे लोग हैं, जिन्होंने किसी दूसरे देश की नागरिकता ले रखी है या फिर अनिवासी भारतीय की श्रेणी में हैं। इनके अलावा भारतीय भी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए स्विस बैंकों में पैसा जमा करा सकते हैं। इसलिए इन्हें कालाधन नहीं कहा जा सकता।
जनवरी से मिलने लगेगी रियल टाइम जानकारी
जेटली ने कहा कि स्विटजरलैंड अब पहले की तरह टैक्स हैवन नहीं रहा। वह दुनिया के दबाव में डाटा शेयर करने के लिए तैयार हो गया है। जनवरी, 2019 से भारत को भी इसकी रियल टाइम जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी। इस जानकारी पर कालाधन रखने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
40 फीसद रकम तो एलआरएस से गई : गोयल
कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस बीच मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि इसमें से करीब 40 फीसद राशि रुपये बाहर भेजने की उदार योजना (लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम-एलआरएस) की वजह से वहां पहुंची है। एलआरएस पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कार्यकाल में लागू हुई थी। इसमें कोई भी व्यक्ति प्रतिवर्ष 2.50 लाख डॉलर तक बाहर भेज सकता है। उन्होंने भी कहा कि यदि कोई दोषी पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
रुपये के मूल्य में रिकॉर्ड गिरावट के साथ स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा रकम में एक साल में 50 फीसद उछाल पर कांग्रेस ने राजग सरकार पर जमकर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा कि 70 साल में केवल दूसरी बार एक साल में रिकॉर्ड 50 फीसद से ज्यादा उछाल आया है। इससे पहले 2004 में भाजपा की अगुआई वाली राजग सरकार के समय ही स्विस बैंकों में पैसे जमा करने में 56 फीसद का रिकॉर्ड बना था।
साफ है कि राजग सरकार में ही स्विस बैंकों में भारतीयों के सबसे अधिक पैसे जमा होते हैं। स्विस बैंक के आंकड़ों से साफ हो गया है कि विदेशों से कालाधन वापस लाने का वादा केवल सियासी जुमला था और इसके उलट भगोड़े देश की जनता की रकम लूटकर विदेश भाग रहे हैं। नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, विजय माल्या सरीखे कई भगोड़े राजग सरकार में 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक बैंकों में जमा लोगों का पैसा लूटकर विदेश भाग गए हैं। ---कमजोर रुपये पर भी साधा निशाना आरपीएन सिंह ने कहा कि मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उम्र से रुपये को जोड़कर उपहास किया था, मगर कांग्रेस ऐसा नहीं करेगी। लेकिन प्रधानमंत्री को इस सवाल का जवाब तो देना ही पड़ेगा कि 70 साल में पहली बार रुपये में सबसे बड़ी गिरावट क्यों आई है?
राहुल ने भी चलाए तीर
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट के जरिये प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 2014 में उन्होंने कहा था स्विस बैंकों में जमा सारा कालाधन वापस लाएंगे और सभी भारतीयों के खातों में 15 लाख रुपये जमा कराए जाएंगे। इसी तरह 2016 में नोटबंदी के समय उन्होंने कहा था कि इस फैसले से भारत को कालेधन से छुटकारा मिल जाएगा। अब 2018 में वह स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसद उछाल को साफ-सुथरी रकम बता रहे हैं।