सरकार के शपथ ग्रहण से पहले उठा राम मंदिर मुद्दा, मोहन भागवत ने कहा- सावधान रहें लोग
नई सरकार के गठन से पहले ही आरएसएस प्रमुख ने राम मंदिर मुद्दे को हवा दे दी है। उन्होंने कहा है कि अगर हमें राम का करना है तो खुद ही करना होगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड बहुमत के बाद नई सरकार के गठन से पहले ही भाजपा पर उसके चुनावी घोषणा पत्र और प्रमुख मुद्दों पर तेजी से काम करने का दबाव बनने लगा है। इसकी शुरूआत आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने की है। सोमवार को मोहन भागवत ने कहा कि राम का काम करना होगा और किया जाएगा। इसके साथ ही मोहन भागवत ने लोगों को सचेत, शांतिपूर्ण, सक्रिय और मजबूत रहने के लिए सचेत किया है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 542 में से 303 सीटों का प्रचंड बहुमत मिलने के बाद अपनी पहली बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अगर हमें राम का काम करना है तो, हमें खुद ही करना होगा। अगर हम इसे किसी और के भरोसे छोड़ देंगे तो हमें उसकी निगरानी करने की आवश्यकता होगी। राम का काम होना चाहिए और ये होकर रहेगा।
मोहन भागवत ने कहा कि हमें वो काम करना चाहिए, जिसका हम हमेशा इंतजार करते हैं। हमें उन संस्थानों की भलाई के लिए काम करने की जरूरत है, जो हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मददगार हों। इतिहास बताता है कि यदि लोग जागरूक, शांतिपूर्ण, सक्रिय और मजबूत हैं तो देश का भाग्य निरंतर और स्थिर रहता है।
मालूम हो कि आरएसएस हमेशा से अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर बनाने की वकालत करता रहा है। अब भाजपा के दोबारा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आने पर आरएसएस ने एक बार फिर केंद्र में नई सरकार के गठन से पहले पार्टी पर जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण शुरू कराने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
अयोध्या में राम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कराना भाजपा का बहुत पुराना एजेंडा है। पार्टी ने 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में भी अपने घोषणा पत्र में भी राम मंदिर के एजेंड़े को प्रमुखता से स्थान दिया था। हालांकि अपने पिछले कार्यकाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही राम मंदिर मुद्दे का हल निकलेगा। सरकार ये भी स्पष्ट कर चुकी है कि मामला जब तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तब तक इस मुद्दे पर बात करना व्यर्थ है।
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