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'सरकार बुलेट ट्रेन पर करोड़ों खर्च कर सकती है तो किसानों पर क्यों नहीं'

महाराष्ट्र में दूध उत्पादक किसानों के समर्थन में शिवसेना ने केंद्र पर निशाना साधा है। दूध संघों ने दूध के ख़रीद मूल्य में बढ़ोतरी की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 02:15 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 02:54 PM (IST)
'सरकार बुलेट ट्रेन पर करोड़ों खर्च कर सकती है तो किसानों पर क्यों नहीं'
'सरकार बुलेट ट्रेन पर करोड़ों खर्च कर सकती है तो किसानों पर क्यों नहीं'

मुंबई (प्रेट्र)। महाराष्‍ट्र में दूध उत्‍पादक किसानों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शन के समर्थन में शिवसेना ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि जब सरकार बुलेट ट्रेन जैसे बड़े परियोजनाओं पर करोड़ों खर्च कर सकती है तो दूध के खरीद मूल्‍यों को क्‍यों नहीं बढ़ा सकती। राज्‍य में किसान संगठन ने प्रति लीटर दूध के खरीद मूल्‍यों में 5 रुपये की बढ़त की मांग करते हुए सोमवार से ही आंदोलन शुरू कर दिया।

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गौरतलब है कि दूध के खरीद मूल्य में पांच रुपये की वृद्धि और दूध से बनने वाले उत्पादों (बटर और पाउडर) पर जीएसटी हटाने की अपनी मांग पूरी कराने के लिए आंदोलनकारी और दूध संघ मुंबई और पुणे में दूध आपूर्ति ठप करने की कोशिश की और सड़कों पर दूध बहाकर अपना रोष प्रकट किया।

सेना ने आगे कहा, ‘इस आंदोलन को केवल इसलिए नकारा नहीं जा सकता क्‍योंकि यह किसानों के नेता राजू शेट्टी द्वारा शुरू किया गया है। किसान किसी विशेष क्षेत्र या जाति के नहीं होते, न किसी राजनीतिक पार्टी के। पिछले चार सालों में 3,000 से अधिक किसानों ने अपने जीवन का अंत कर लिया और इनमें से अधिकतर किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट दिया था।‘सेना ने आगे कहा कि गोवा और कर्नाटक सरकार प्रति लीटर दूध उत्‍पादक किसानों को 5 रुपये की सब्‍सिडी देती है। इसलिए क्‍या गलत है यदि महाराष्‍ट्र किसान भी इस तरह की सुविधा चाहते हैं। केंद्र सरकार बुलेट ट्रेन, समृद्धि कॉरिडोर और मेट्रो रेल प्रोजेक्‍ट पर हजारों करोड़ की रकम खर्च कर रही है।

सेना के मुखपत्र सामना में कहा गया है, ‘पिछले साल अपनी मांगों को लेकर किसानों द्वारा हड़ताल किया गया था जो सरकार के लिए अपमान था। अब डेयर किसानों के जारी आंदोलन को दबाने के बजाय राज्‍य सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए कि इन किसानों को किस तरह राहत दिया जा सकेगी।‘ शिवसेना ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर किसान इस आंदोलन को खत्‍म करने में जुटी है वहीं दूसरी ओर जय किसान के नारे लगाती है।


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