जानिए, पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ ईडी दफ्तर क्यों पहुंची प्रियंका गांधी
रॉबर्ट वाड्रा की मनी लांड्रिग मामले में ईडी दफ्तर में पूछताछ हो रही है। इस दौरान वाड्रा को ईडी दफ्तर छोड़ने के लिए प्रियंका गांधी गई थीं।
नई दिल्ली, जेएनएन। रॉबर्ट वाड्रा की मनी लांड्रिग मामले में बुधवार को ईडी दफ्तर में पूछताछ हो रही है। इस दौरान वाड्रा को ईडी दफ्तर छोड़ने के लिए प्रियंका गांधी गई थीं। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस दफ्तर जाकर महासचिव का पद ग्रहण किया। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रॉबर्ट वाड्रा से क्यों पूछताछ हो रही है, यह पूरी दुनिया जानती है। मैं अपने पति के साथ खड़ी हूं। राहुल जी जो कार्यभार सौंपा है, उसके लिए मैं उनकी आभारी हूं। प्रियंका गांधी के इस कदम के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने बदला माहौल
रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ को लेकर बुधवार को भाजपा ने जोरदार हमला बोला था। इसको लेकर उनके प्रवक्ताओं ने लंदन में अवैध फ्लैट को लेकर दस्तावेज दिखाए, मनोज अरोड़ा से रिश्तों को लेकर हमला बोला। माना जा रहा है कि रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जो माहौल बना था, प्रियंका गांधी के इस कदम ने उस माहौल को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मीडिया का सारा केंद्र अब प्रियंका गांधी पर केंद्रित हो गया है। इसने विरोध की हवा निकाल दी है। अगर वह रॉबर्ट वाड्रा के साथ नहीं जातीं, उसके अलग निहितार्थ निकाले जाते। कहा जाता कि रॉबर्ट वाड्रा के साथ उनका परिवार नहीं है। भारतीय समाज में परिवार को काफी महत्व दिया जाता है। हिंदू परंपरा में पत्नी हर हाल में पति का साथ देती है। पति चाहे जैसा भी हो। प्रियंका ने वाड्रा को ईडी तक छोड़ और ये कह राजनीतिक संदेश दिया है कि मैं अपने पति के साथ खड़ी हूं।
सुबह हटाए गए थे पोस्टर
आज कांग्रेस दफ्तर के बाहर लगे प्रियंका-राबर्ट के पोस्टर को एनडीएमसी से हटवाया गया। कुछ लोगों ने इसका अर्थ निकाला कि कांग्रेस ने ही बदनामी के डर से पोस्टरों को हटवाया क्योंकि ईडी दफ्तर में आज ही वाड्रा से पूछताछ है। बाद में प्रियंका ने रॉबर्ट वाड्रा को ख़ुद ईडी के गेट तक पहुंचा कर संदेश दे दिया कि ऐसा कुछ नहीं है।
अब देखना यह है कि प्रवर्तन निदेशालय अगली बार रॉबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए कब बुलाता है। क्या वह तारीख 2019 के चुनावों के बाद आएगी या, तब आएगी, जब प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के दौरे पर हों। सरकार नहीं चाहेगी कि ईडी के सामने पेशी के दौरान वाड्रा के साथ प्रियंका गांधी हों।
राजनीति में परसेप्शन बहुत बड़ा महत्व होता है। अब सब कुछ रॉबर्ट वाड्रा तक सीमित नहीं है। पांच साल तक रॉबर्ट वाड्रा मामले में चुप बैठी सरकार अचानक चुनावी हरकत में आई तो प्रियंका गांधी का यूं सामने आना उस वार को निष्क्रिय कर रहा है।
क्या है पूरा मामला
वर्ष 2009 में एक पेट्रोलियम सौदे में रॉबर्ट वाड्रा की अहम भूमिका बताई जा रही है। इसकी जांच की जा रही है। वहीं, एजेंसी को यह भी सूचना मिली है कि लंदन में कई प्रॉपर्टी रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित हैं। इनमें दो घर और छह फ्लैट शामिल हैं। ईडी चाहती है कि वाड्रा आएं और अपनी प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी दें।
रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ अनुचित, दुर्भावनापूर्ण और अन्यायपूर्ण तरीके से कार्रवाई की जा रही है, जो राजनीति से प्रेरित है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में सवाल उठाया कि क्या एजेंसी को किसी राजनीतिक ब्रिगेड की जांच नहीं करनी चाहिए? क्या ऐसा करना राजनीतिक प्रतिशोध कहलाएगा?
मनोज अरोड़ा की अंतरिम सुरक्षा बढ़ाई गई
इसी मामले में एक और दोषी और वाड्रा के सहयोगी मनोज अरोड़ा की अंतरिम सुरक्षा पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 फरवरी तक बढ़ा दी है। वाड्रा से पहले उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा ने भी अदालत में आरोप लगाया था कि उन पर राजनीतिक प्रतिशोध में केस दर्ज किया गया और वाड्रा को फंसाने के लिए उन्हें और उनकी पत्नी को धमकाया गया था। ईडी ने सभी आरोपों का अदालत में खंडन किया है।
यह है मामला लंदन में एक फ्लैट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा के खिलाफ केस दर्ज किया था, जो फिलहाल छह फरवरी तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत पर हैं। ईडी का आरोप है कि फ्लैट अरोड़ा का नहीं, बल्कि वाड्रा का है।