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IIT को लेकर सरकार हुई चितिंत, रैंकिंग में सुधार के लिए मांगी गई कार्य योजना

HRD Ministry के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले पर परिषद की बैठक में चर्चा की गई। अनुसंधान की उत्कृष्टता पर काम करना महत्वपूर्ण है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 07:35 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 07:54 PM (IST)
IIT को लेकर सरकार हुई चितिंत, रैंकिंग में सुधार के लिए मांगी गई कार्य योजना

नई दिल्ली, प्रेट्र। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) से उनकी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के लिए कार्य योजना मांगी है।

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मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने हाल ही में आयोजित IIT परिषद की बैठक में रैंकिंग का मुद्दा उठाया था। परिषद 23 IIT के संबंध में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस मामले पर परिषद की बैठक में चर्चा की गई। अनुसंधान की उत्कृष्टता पर काम करना महत्वपूर्ण है। IIT से अपनी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग सुधारने की दिशा में काम करने को कहा गया है। हर IIT को कार्य योजना के साथ आने के निर्देश दिए गए हैं।'

भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान

लंदन स्थित क्यूएस (क्वाकरेली साइमंड्स) और टाइम्स हायर एजुकेशन विश्व के दो सबसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा सर्वेक्षण संस्थान हैं। सर्वेक्षणों के अनुसार, बेहतरीन संस्थानों की सूची में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और MIT सबसे ऊपर हैं, जबकि भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान IIT और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) शीर्ष 100 में भी जगह नहीं बनाए पाए।

प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की सूची

इस साल क्यूएस की तरफ से जारी दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की सूची में भारत के आइआइटी बांबे, आइआइटी दिल्ली व आइआइएससी बेंगलुरु शीर्ष 200 में जगह बना पाए। इनके अलावा भारत का कोई और संस्थान शीर्ष 200 की सूची में स्थान नहीं बना पाया।

एचआरडी मंत्रालय ने अधिकारियों के साथ भी समीक्षा बैठक की थी। इसमें यह पता लगाने की कोशिश हुई थी कि जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय जैसे कई प्रतिष्ठित भारतीय विश्वविद्यालयों के क्यूएस की शीर्ष रैंकिंग में नहीं होने के पीछे का क्या कारण है।


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