नागरिकता बिल पारित होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं ये शरणार्थी
2017 में, 431 पाकिस्तानी हिंदुओं को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भाग गए अल्पसंख्यकों के पुनर्वास में मदद के लिए सरकार की नीति के अनुरूप दीर्घकालिक वीजा दिया गया था।
नई दिल्ली, एएनआइ। पाकिस्तान के हजारों हिन्दू और सिख शरणार्थी नागरिकता बिल के पारित न होने से निराश हैं। वे इस बिल के पास होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये लोग उम्मीद करते हैं कि इससे उन्हें भारत की नागरिकता हासिल करने में मदद मिलेगी। वे इस बिल के शीतकालीन सत्र में पास न होने से भले ही निराश हैं, लेकिन उन्होंने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न की वजह ये लोग पिछले दो दशकों से भारत में पनाह लिए हुए हैं।
2017 में, 431 पाकिस्तानी हिंदुओं को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भाग गए अल्पसंख्यकों के पुनर्वास में मदद करने के लिए मोदी सरकार की नीति के अनुरूप दीर्घकालिक वीजा दिया गया था।
दीर्घकालिक वीजा प्राप्त करने का कोई प्रावधान किए बिना, पाकिस्तान से हिंदू और सिख प्रवासी परिवार अपने वीजा को नए सिरे से प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। इन परिवारों के लिए एक और समस्या उनके वीजा के लिए उपयुक्त गारंटर खोजने की है। पाकिस्तानी पासपोर्ट धारकों की आवाजाही भी प्रतिबंधित है।
एनआइ से बात करते हुए,कुछ प्रवासियों ने अपनी समस्याओं को बताया। उन्होंने इसमें पाकिस्तान में अपने खिलाफ हुए उत्पीड़न और यातना के बारे में बताया।वे इस शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने की उम्मीद कर रहे थे। नागरिकता संशोधन विधेयक का उद्देश्य 1955 के अधिनियम में संशोधन करना है। यह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है, लेकिन राज्यसभा में पारित न हो सका।