बिजली व उड़्डयन सेक्टर की दशा सुधारने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में उच्चस्तरीय बैठक
पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कोविड-19 की वजह से बिजली और नागरिक एविएशन सेक्टर पर पड़ने वाले असर को दूर कर इन्हें आगे बढ़ाने से जुड़े तमाम मुद्दों पर विमर्श किया गया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रीय लॉकडाउन ने जिस तरह से अर्थव्यवस्था के प्रमुख सेक्टर को पूरी तरह ठप कर दिया है उससे बाहर निकलने की रणनीति जल्द ही सामने आ सकती है। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में कोविड-19 की वजह से बिजली और नागरिक एविएशन सेक्टर पर पड़ने वाले असर को दूर कर इन्हें आगे बढ़ाने से जुड़े तमाम मुद्दों पर विमर्श किया गया।
बिजली क्षेत्र की निजी कंपनियों और राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों के बीच किये गये समझौते को लागू करने में आ रही दिक्कतों से लेकर, बिजली वितरण कंपनियों के सामने मौजूदा फंड की किल्लत से जुड़े मुद्दों पर गहन विमर्श हुआ। इसी तरह से नागरिक उड्डयन सेक्टर से जुड़े उन तमाम मुद्दों पर विमर्श हुआ तो कोविड-19 से उपजी हैं और जिन्हें दूर करना देश की इकोनॉमी के लिए बहुत जरुरी है।
पीएम के साथ इन बैठकों में दोनो मंत्रालयों के मंत्रियों व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर उपस्थित थे। इन चर्चाओं के आधार पर ही सरकार की तरफ से राहत पैकेज को अंतिम रूप दिया जाएगा।
आम जनता के हितों के साथ जोड़ने पर जोर
सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई सूचना के मुताबिक शुक्रवार की बैठक में पीएम का यह जोर था कि कोविड-19 से जो समस्याएं पैदा हुई हैं उन्हें दूर करने के साथ यह नहीं भूलना चाहिए कि बिजली व उड़्डयन सेक्टर को ज्यादा से ज्यादा आम जनता के हितों के साथ कैसे जोड़ा जा सके।
उन्होंने घरेलू उड़ानों के लिए एयरस्पेस का इस्तेमाल इस तरह से करने को कहा जिससे आतंरिक उड़ानों के समय को कम किया जा सके। साथ ही देश के छह और हवाई अड्डे को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने में हो रही देरी को भी दूर करने का निर्देश दिया। इनके लिए टेंडर निकालने की प्रक्रिया अगले तीन महीने में शुरु करने पर सहमति बनी है। साथ ही नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को कहा गया है कि वह विभिन्न मंजूरियों में लगने वाले समय सीमा को कम करने के लिए कदम उठाये।
बिजली सेक्टर में नहीं रुकनी चाहिए सुधारों की गति
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ ही बिजली मंत्रालय के लिए भी संदेश साफ था कि मौजूदा हालात के बावजूद सुधारों की गति नहीं रुकनी चाहिए। बिजली मंत्रालय के लिए देश के नागरिकों को 24 घंटे निर्बाध व सस्ती दर पर बिजली देने के लिए निरंतर प्रयास होते रहना चाहिए।
सनद रहे कि कोविड-19 की वजह से औद्योगिक गतिविधियों के बंद होने की वजह से देश में बिजली की खपत तकरीबन 25 फीसद तक घट गई है। राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों पर बिजली कंपनियों का बकाया 90 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गया है। बिजली प्लांट में औसतन अपनी क्षमता का 50 फीसद भी उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। इसी तरह से राष्ट्रीय लॉकडाउन व अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बंद होने से एविएशन कंपनियां भी बर्बादी के मुहाने पर है। निजी सेक्टर की एयरलाइनों की तरफ से सरकार को पैकेज की सिफारिश भी की गई है।