इस मामले में अमित जोगी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत, याचिका खारिज
याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि कार्यकाल पूरा होने के कारण कोई भी आदेश पारित करने का औचित्य नहीं है।
बिलासपुर,जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सुप्रीमो अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनके जनजाति वर्ग का होने को चुनौती देने वाली याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
विधानसभा चुनाव 2013 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित मरवाही विधानसभा सीट से अमित जोगी निर्वाचित हुए थे। उनके खिलाफ भाजपा की पराजित उम्मीदवार समीरा पैकरा ने जनवरी 2014 में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें कहा गया कि अमेरिका में जन्म होने के कारण अमित की पहली नागरिकता अमेरिका है। इस कारण वह चुनाव लड़ने के लिए पात्र नहीं हैं। इसी प्रकार अमित ने अपनी चचेरी बहन के जाति प्रमाण के आधार पर पेंड्रा एसडीएम कार्यालय से जाति प्रमाण पत्र बनवाया है। पूर्व में एसडीएम ने उनकी बहन के आवेदन को खारिज किया था। याचिका में उन्हें गैर आदिवासी बताया गया।
इसके अलावा विभिन्न दस्तावेज पर अलग-अलग तिथि में भिन्न स्थानों को जन्म स्थल बनाया गया है। इस आधार पर भी निर्वाचन रद करने की मांग की गई। पांच वर्ष में याचिका पर 51 बार सुनवाई हुई। दोनों पक्षों के गवाहों का बयान दर्ज करने के बाद 13 दिसंबर 2018 को मामले को निर्णय के लिए सुरक्षित रखा गया था। जस्टिस गौतम भादुड़ी ने मामले में बुधवार को निर्णय पारित किया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अमित जोगी का कार्यकाल समाप्त हो गया है। इस कारण से इस पर कोई भी आदेश पारित करने का औचित्य नहीं है।
जोगी ने ट्वीट कर कहा- यह सत्य की जीत
हाई कोर्ट का फैसला आते ही पूर्व विधायक अमित जोगी ने ट्वीट कर कहा कि कोर्ट के फैसले से सच की जीत हुई है। मरवाही की जनता के उस समय के ऐतिहासिक जनादेश को स्वीकार करने वाले न्यायालय के आदेश का मैं सम्मान करता हूं।