कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर हुई आयोग में सुनवाई
आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग से पंजे के निशान वाले चुनाव चिन्ह को रद्द किए जाने की मांग की थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव सिर पर है, और ऐसे में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पंजे पर सवाल खड़ा हो गया है। चुनाव आयोग ने चुनाव चिन्ह रद्द किए जाने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता का पक्ष सुना। इस मामले की सुनवाई उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार कर रहे है।
आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग से पंजे के निशान वाले चुनाव चिन्ह को रद्द किए जाने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि हाथ मानव शरीर का अभिन्न हिस्सा है, और यह चुनाव चिन्ह आचार संहिता का उल्लंघन करता है।
छह पेज की अपनी याचिका में उपाध्याय ने कहा है कि यह प्रतीक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है। अपनी इन मांगों के साथ उपाध्याय मुख्य चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत से और पोल पैनल के कानूनी सलाहकारों से भी मुलाकात कर चुके है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि कांग्रेस अपने चुनाव चिन्ह का दुरुपयोग प्रचार खत्म होने के बाद भी करती है। यहां तक कि चुनाव के दिन भी उम्मीदवार, पार्टी समर्थक और चुनाव एजेंट चुनाव चिन्ह हाथ का पंजा का उपयोग इशारों में करते हैं। पोलिंग बूथ पर भी जहां किसी तरह के इशारे या प्रचार प्रसार की मनाही होती है वहीं भी इशारों-इशारों में पार्टी का प्रचार किया जाता है।