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RS उपसभापति चुनाव: एनडीए उम्‍मीदवार हरिवंश ने नामांकन दाखिल किया

एनडीए उम्मीदवार और जदयू सांसद हरिवंश ने बुधवार को राज्‍यसभा महासचिव डीडी वर्मा के समक्ष अपना नामांकन दाखिला किया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 10:27 AM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 01:01 PM (IST)
RS उपसभापति चुनाव: एनडीए उम्‍मीदवार हरिवंश ने नामांकन दाखिल किया

नई दिल्ली [ एजेंसी ]। उपसभापति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार और जदयू सांसद हरिवंश ने बुधवार को राज्‍यसभा महासचिव डीडी वर्मा के समक्ष अपना नामांकन दाखिला किया। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार समेत एनडीए घटक दल के नेता मौजूद थे। बता दें कि राज्यसभा के नए उपसभापति का चुनाव 9 अगस्त को होगा। संसद का मानसून सत्र 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को शून्य काल के दौरान चुनाव के विवरण की घोषणा की थी।

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उधर, उपसभापति के चुनाव में सियासी शह-मात का दांव बेहद दिलचस्प हो गया है। एनडीए उम्मीदवार हरिवंश का पलड़ा भारी होने के संकेतों के बीच कांग्रेस ने अपना उम्‍मीदवार घोषित कर दिया है। कांग्रेस ने बीके हरिप्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया है। इस बीच हरिप्रसाद ने अपने एक ताजा बयान में कहा है कि पार्टी ने मेरे नाम का प्रस्ताव बहुत सोच-समझ कर किया होगा। उन्होंने कहा कि जीत के लिए मैं विपक्ष के अन्य दलों के नेताओं से संपर्क करूंगा।

विपक्षी खेमे के अपने साथियों के चुनाव लड़ने से पीछे हटने के फैसले को देखते हुए कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया था। आजाद की अगुआई में मंगलवार की शाम छह बजे तीसरे दौर की हुई बैठक में कांग्रेस के इस रुख पर विपक्षी खेमे के सभी दलों ने हरिवंश के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करने का निर्णय लिया। साथ ही विपक्ष के इन सभी दलों ने कांग्रेस को अपनी पंसद का उम्मीदवार चुनने के लिए अधिकृत कर दिया। टीडीपी ने भी कांग्रेस उम्मीदवार का साथ देने की हामी भर दी है।

मंगलवार को चलता रहा बैठकों का दौर
इस बीच विपक्षी एकजुटता को बचाए रखने की रणनीति के तहत विपक्षी कुनबे के सभी दलों ने उपसभापति पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है। उपसभापति पद की उम्मीदवारी तय करने के लिए विपक्षी खेमे के दलों की कांग्रेस की अगुआई में दिन भर बैठकों के तीन दौर हुए। इसमें सुबह की पहली बैठक में तो बकायदा एनसीपी की वंदना चव्हाण को उम्मीदवार बनाने पर सहमति बन गई। बसपा के सतीश मिश्र और टीएमसी के डेरेक ओब्रायन ने इसका प्रस्ताव व अनुमोदन भी कर दिया। एनडीए से खफा शिवसेना को मराठी मानुष के नाम पर तोड़ने की रणनीति के तहत वंदना की उम्मीदवारी को विपक्षी खेमा दमदार आंक रहा था। हालांकि, इसकी औपचारिक घोषणा करने से पहले सरकार की रणनीति का आकलन करने का निर्णय हुआ।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और अहमद पटेल के साथ विपक्षी दलों के नेताओं की बैठकों के दौर में शाम छह बजे एनसीपी ने साफ कर दिया कि वह वंदना चव्हाण को उम्मीदवार बनाने के लिए तैयार नहीं। द्रमुक के त्रिची शिवा पहले ही दावेदारी से हट गए थे।

हरिवंश की जीत के लिए एनडीए ने कसी कमर
उधर, हरिवंश की जीत का आधार तैयार करने के लिए एनडीए सरकार के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी फोन पर ही सियासी सक्रियता बढ़ा दी। नीतीश ने बीजेडी प्रमुख ओडि़सा के सीएम नवीन पटनायक से बात कर हरिवंश के लिए समर्थन मांगा। नीतीश ने टीआरएस प्रमुख तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव को भी फोन किया। अन्नाद्रमुक पहले से ही सरकार का साथ देने को तैयार है तो वाईएसआर कांग्रेस भी एनडीए के खिलाफ नहीं। एनडीए व नीतीश के इस सियासी आपरेशन को देखते हुए विपक्षी खेमे में शामिल दलों ने राजनीतिक वजहों सें अपने चेहरे को चुनाव लड़ाने से मना कर दिया।


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