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जीएसटी काउंसिल : जेटली बोले, धीरे-धीरे दूर हो रही राजस्व संग्रह में कमी

चालू वित्त वर्ष में छह राज्य का जीएसटी संग्रह संरक्षित राजस्व के मुकाबले अधिक रहा है जबकि पिछले साल इनकी संख्या तीन थी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 10:15 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 10:15 PM (IST)
जीएसटी काउंसिल : जेटली बोले,  धीरे-धीरे दूर हो रही राजस्व संग्रह में कमी
जीएसटी काउंसिल : जेटली बोले, धीरे-धीरे दूर हो रही राजस्व संग्रह में कमी

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। जीएसटी संग्रह भले ही एक लाख करोड़ रुपये मासिक के आंकड़े को पार न कर पाया हो लेकिन राज्यों के 'संरक्षित राजस्व' के मुकाबले जीएसटी संग्रह में कमी अब धीरे-धीरे दूर हो रही है। चालू वित्त वर्ष में छह राज्य का जीएसटी संग्रह 'संरक्षित राजस्व' के मुकाबले अधिक रहा है जबकि पिछले साल इनकी संख्या तीन थी।

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इसका मतलब यह है कि इन राज्यों को क्षतिपूर्ति राशि देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि अब भी 25 राज्य व केंद्र शासित क्षेत्र हैं जहां जीएसटी संग्रह 'संरक्षित राजस्व' के मुकाबले कम है।

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वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 30वीं बैठक में राज्यवार राजस्व संग्रह की समीक्षा हुई जिसमें ये तथ्य सामने आए। जेटली ने कहा कि उपभोग करने वाले राज्यों में अब राजस्व संग्रह में कमी दूर हो रही है।

जीएसटी के पहले साल (जुलाई 2017 से मार्च 2018) में राज्यों के जीएसटी संग्रह में 'संरक्षित राजस्व' के मुकाबले 16 प्रतिशत कमी थी लेकिन चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त तक यह कमी 13 प्रतिशत रह गयी है। चालू वित्त वर्ष में अब तक छह राज्यों- मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम और आंध्र प्रदेश का जीएसटी संग्रह 'संरक्षित राजस्व' से अधिक रहा है।

हालांकि 25 राज्य और केंद्र-शासित प्रदेश में जीएसटी संग्रह 'संरक्षित राजस्व' से कम है और उनकी इस कमी की भरपाई केंद्र सरकार को क्षतिपूर्ति सैस से जुटायी जाने वाली धनराशि से करनी होगी। चालू वित्त वर्ष में 'संरक्षित राजस्व' के मुकाबले जीएसटी संग्रह में सर्वाधिक कमी पुद्दुचेरी (42 प्रतिशत), पंजाब (36 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (36 प्रतिशत), जम्मू कश्मीर (28 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (26 प्रतिशत), गोवा (25 प्रतिशत), उड़ीसा (24 प्रतिशत), कर्नाटक (20 प्रतिशत) और बिहार (20 प्रतिशत) है।

जेटली ने कहा कि जिन राज्यों में जीएसटी संग्रह 'संरक्षित राजस्व' से कम रहा है वहां 2015-16 में कर संग्रह बढ़ा था जिससे उनका आधार बड़ा हो गया। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि 2015-16 में बिहार ने शराबबंदी की थी जिसके चलते राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए वैट की अतिरिक्त दर लगायी जिससे उस वर्ष राज्य का वैट राजस्व बढ़ गया।

जीएसटी के तहत पांच साल तक राज्यों के राजस्व संग्रह को संरक्षित किया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी राज्य में 'संरक्षित राजस्व' से कम जीएसटी संग्रह रहता है तो उसकी भरपाई केंद्र सरकार करेगी। 'संरक्षित राजस्व' के लिए वित्त वर्ष 2015-16 को आधार मानकर हर साल 14 प्रतिशत वृद्धि का प्रावधान रखा गया है। मतलब हर साल राज्यों का 'संरक्षित राजस्व' 14 प्रतिशत बढ़ जाएगा।

यह पूछने पर कि क्या सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए आम बजट रखे गए 13 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह के लक्ष्य को हासिल कर लेगी, जेटली ने कहा कि फिलहाल आधा वित्त वर्ष गुजर चुका है, त्यौहारी सीजन आने वाला है। सरकार की कोशिश लक्ष्य के करीब पहुंचने की होगी।

वैसे प्रत्यक्ष कर संग्रह के मोर्चे पर सरकार लक्ष्य से आगे है। इसलिए उन्हें राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने की उम्मीद है। भविष्य में जीएसटी की दरों में कटौती के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा कि सरकार को राजस्व-निरपेक्षता बनाए रखने की आवश्यकता है। भविष्य में टैक्स में कटौती इस बात पर निर्भर करेगी कि हम कर आधार और कर संग्रह कितना बढ़ा सकते हैं।

अनुमानित लक्ष्य से कम जीएसटी संग्रह

(आंकड़े प्रतिशत में)

राज्य          2017-18           2018-19

पंजाब              37                     36

हिमाचल प्रदेश  42                     36

उत्तराखंड        39                      35

जम्मू कश्मीर    37                     28

छत्तीसगढ़       31                     26

बिहार              38                     20

दिल्ली              6                      19

झारखंड            26                    17

मध्य प्रदेश        26                    16

हरियाणा           18                     14

पश्चिम बंगाल   13                       7

उत्तर प्रदेश       12                      5


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