लोकसभा में हंगामे के बीच ग्रैच्युटी (संशोधन) विधेयक को मंजूरी
लोकसभा में संशोधन विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद निजी क्षेत्र को 20 लाख रुपये की कर मुक्त ग्रैच्युटी का भी लाभ मिलेगा।
नई दिल्ली (एजेंसी)। बैंक घोटाले के मुद्दे पर संसद में नौ दिन से जारी हंगामे के बीच गुरुवार को लोकसभा में अच्छा काम भी हो गया। सदन ने ग्रैच्युटी भुगतान ([संशोधन)] विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे सरकार को निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी 20 लाख रुपये तक की कर मुक्त ग्रैच्युटी सुविधा देने का अधिकार मिल जाएगा। विधेयक अब रास की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद ही यह कानून बनेगा।
विपक्ष से मांगा सहयोग
हंगामे के बीच विधेयक पेश करने से पहले संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने विपक्ष से सहयोग का आग्रह करते हुए कहा कि ग्रैच्युटी संशोधन विधेयक महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से सरकार को भविष्य में कानून में संशोधन किए बगैर समय-समय पर ग्रैच्युटी सीमा ब़़ढाने का अधिकार मिल जाएगा। विधेयक श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने पेश किया। उन्होंने कहा कि यह कर्मचारियों, खासकर महिलाओं के लिए बेहद अहम है। अभी यह है प्रावधान वर्तमान में संगठित क्षेत्र के कम से कम पांच साल या इससे अधिक नौकरी करने वाले कर्मचारियों को 10 लाख रपए तक कर मुक्त ग्रैच्युटी का प्रावधान है। यह राशि नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्ति के वक्त दी जाती है।
अब यह होगा प्रावधान
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को भी केंद्र के समान 20 लाख रुपये की कर मुक्त ग्रैच्युटी का लाभ देना चाहती है। सातवें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मियों की ग्रैच्युटी सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जा चुकी है।
निजी क्षेत्र को भी लाभ
ग्रैच्युटी सीमा बढ़ने का लाभ ग्रैच्युटी एक्ट-1972 के तहत आने वाले निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के साथ ही सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्त संगठनों के कर्मियों को भी मिलेगा। कर्मचारी संगठन लंबे समय से इस कानून में संशोधन की मांग कर रहे थे। प्रसूति अवकाश संशोधन लोस ने महिला कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश के दौरान सतत सेवा में मानने संबंधी संशोधन को भी मंजूरी दे दी। प्रसूति अवकाश ([संशोधन)] कानून 2017 के मद्देनजर यह संशोधन जरूरी था। इसमें 12 की बजाए 26 हफ्ते के प्रसूति अवकाश को मंजूरी दी जा चुकी है।
यहां लागू है ग्रैच्युटी प्रावधान
10 या इससे अधिक लोगों को नौकरी देने वाले संस्थानों में ग्रैच्युटी प्रावधान लागू है। इनमें कारखानों, खानों, तेल क्षेत्रों, बागानों, पत्तनों, रेल कंपनियों, दुकानों व अन्य संस्थानों के कर्मचारी आते हैं।