एससी-एसटी कानून में बदलाव की मंशा नहीं: राजनाथ सिंह
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उन अटकलों को खारिज कर दिया जिसमें यह कहा जा रहा है कि सरकार आरक्षण प्रणाली को समाप्त करना चाहती है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में एससी-एसटी कानून पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, ‘दलितों और जनजातियों के लिए वर्तमान आरक्षण नीति में बदलाव की कोई मंशा सरकार की नहीं है। राजनाथ सिंह ने उन अटकलों को खारिज कर दिया जिसमें यह कहा जा रहा है कि सरकार आरक्षण प्रणाली को समाप्त करना चाहती है।
लोकसभा में एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कल की घटना और दलित हिंसा मामले पर कहा कि दलित रक्षा के लिए सरकार सजग है। उन्होंने कहा, ‘एससी/एसटी के फैसले पर याचिका दाखिल कर दी गयी है। दलितों के हित के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हिंसा के दौरान मध्यप्रदेश में 6 लोगों की मौत हुई वहीं राजस्थान व यूपी में 1-1 मौत हुई।' गृहमंत्री ने कहा, सरकार ने राज्यों को शांति बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। राज्यों को हर तरह की मदद दी जाएगी। आरक्षण के नाम पर अफवाह फैलाई जा रही है। एससी-एसटी एक्ट में सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया।
सोमवार के भारत बंद के दौरान व्यापक हिंसा पर उन्होंने कहा, ’20 मार्च के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों में काफी गुस्सा है जिसके कारण वे सड़क पर आ गए।‘ उन्होंने आगे कहा, सदन के जरिए मैं यह सूचित करना चाहता हूं कि इस मामले में भारत सरकार नहीं है। मैं लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि मेरी सरकार की मंशा इस कानून में बदलाव की नहीं है बल्कि सत्ता में आने के बाद हमने इस कानून को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है।
20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी उत्पीड़न रोकथाम कानून के प्रावधानों में बदलाव करते हुए आदेश दिया था कि सरकारी कर्मियों की गिरफ्तारी तुरंत नहीं की जाएगी इनकी गिरफ्तारी केवल योग्य अथॉरिटी की इजाजत से ही होगी। इस कानून के तहत आरोपी सरकारी कर्मचारी नहीं हैं, तो उनकी गिरफ्तारी एसएसपी की इजाजत से होगी। कोर्ट में अग्रिम जमानत पर मजिस्ट्रेट विचार करेंगे और अपने विवेक से जमानत मंजूर या नामंजूर करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के विरोध में अनेक दलित संगठनों ने देश भर में सोमवार को हिंसक प्रदर्शन किए। इस दौरान आठ लोग मारे गए।