Move to Jagran APP

सरकार ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का लिया फैसला, मिलेगी जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी

सरकार ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला लिया है। सरकार के उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 03:29 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 05:46 PM (IST)
सरकार ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का लिया फैसला, मिलेगी जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी

नई दिल्‍ली, एएनआइ। सरकार ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला लिया है। सरकार के उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक में यह फैसला लिया गया। सूत्रों की मानें तो अब गांधी परिवार के सदस्‍यों को (सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) को एसपीजी सुरक्षा के बजाए एसीआरपीएफ कमांडो की जेड प्‍लस सुरक्षा मिलेगी। 

loksabha election banner

 

इससे पहले एसपीजी की सुरक्षा केवल चार लोगों के पास थी जिसमें पीएम मोदी के साथ-साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल थे। यानी अब एसपीजी की सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ही रहेगी। दरअसल, समय-समय पर देश की चर्जित हस्तियों को दी जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाती है और जरूरत के मुताबिक इसमें फेर बदल भी किया जाता है।

सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने सभी एजेंसियों की ओर से मिले थ्रेट इनपुट (Threat Input) का आकलन करने के बाद यह फैसला लिया। इस इनपुट के अध्‍ययन के बाद सरकार ने पाया कि गांधी परिवार को किसी तरह का सीधा खतरा नहीं है। इसी साल अगस्‍त में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा भी हटा ली गई थी। बता दें कि एसपीजी सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर होता है जिसमें अत्याधुनिक हथियारों से लैस कमांडो तैनात होते हैं। 

मालूम हो कि देश में सुरक्षा का मामला गृह मंत्रालय के अधीन आता है। गृह मंत्रालय समय-समय पर समीक्षा के बाद वीआईपी को सुरक्षा मुहैया कराता है। SPG यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एक विशिष्ट सुरक्षा व्यवस्था है, जो चार स्तरीय होती है। इसके तहत प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों के करीबियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्या के बाद देश के शीर्ष नेताओं और उनके परिजनों को सुरक्षा देने के लिए इसकी स्थापना की गई थी।

Z+ तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होती है, जिसमें कुल 36 सुरक्षाकर्मी लगे होते हैं। इनमें 10 एनएसजी के कमांडोज होते हैं। पहले घेरे की जिम्मेदारी इनकी ही होती है। इसके बाद दूसरे घेरे में एसपीजी के अधिकारी जबकि तीसरे घेरे में आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा की जिम्‍मेदारी संभालते हैं। वहीं Z स्तरीय सुरक्षा में कुल 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिनमें एनएसजी के चार या पांच कमांडोज होते हैं। 

पिछले महीने एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार ने एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) सुरक्षा पाने वाले दिग्‍गज हस्तियों के लिए एक नया दिशा-निर्देश जारी किया है। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि अब विदेश यात्रा के दौरान भी वीवीआईपी लोगों के साथ एसपीजी सुरक्षाकर्मी मौजूद रहेंगे। तब उक्‍त रिपोर्ट पर कांग्रेस ने सरकार के कदम की आलोचना की थी और कहा था कि सरकार ने गांधी परिवार की निगरानी की मंशा से उक्‍त आदेश जारी किए हैं।

यह भी पढ़ें-

गांधी परिवार को वर्षों से मिल रही है SPG सुरक्षा हटी, जानें- X, Y, Z, Z+ व SPG सुरक्षा में अंतर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.