लॉकडाउन के चलते राजभवन में गिलोय का रस और काढ़ा पी रहे राज्यपाल लालजी टंडन
राज्यपाल ने कहा है कि नवरात्र में सभी लोग कन्या भोजन कराते हैं लेकिन इस बार देश पर संकट है। भोजन के लिए कोई परेशान न हों।
राजीव सोनी, भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछला पखवाड़ा राजनीतिक उथल-पुथल में बीता। कमल नाथ सरकार की विदाई हुई और नए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ ली। अब कोरोना वायरस ने आम और खास को घर में रहने को मजबूर कर दिया तो 85 वर्षीय राज्यपाल लालजी टंडन ने भी अपनी दिनचर्या और कार्यप्रणाली बदली है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए वे गिलोय का रस, अदरक और जड़ी-बूटियों के काढ़े का सेवन कर रहे हैं। इस उम्र में भी उनकी सक्रियता गजब की है।
लॉकडाउन का उपयोग कर रहे अपनी ही पुस्तक को अपडेट करने में
देशव्यापी लॅाकडाउन को आत्म अनुशासन का पर्व मानकर वे अपनी बहुप्रतीक्षित संस्मरणों की पुस्तक का शीर्षक 'स्मृतिनाद' तय कर नए अध्याय लिख रहे हैं। उन्होंने लखनऊ और जिलों के प्रवास निरस्त कर मेल-मुलाकातें भी सीमित कर दी हैं। होली के बाद प्रदेश में सियासी भूचाल के चलते राज्यपाल टंडन की दिनचर्या भी पूरे पखवाड़े अव्यवस्थित रही।
रतजगा कितना भी हो जाए, सुबह प्राणायाम के साथ ही होती है
दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' के साथ विशेष चर्चा में उन्होंने बताया कि मेरी वर्षों पुरानी आदत है कि रतजगा कितना भी हो जाए, सुबह साढ़े छह बजे प्राणायाम के साथ ही दिन की शुरुआत होती है। प्रदेश में हुए ताजा सत्ता परिवर्तन के दौरान कई दिन तक राजभवन सचिवालय को रात-रात भर काम करना पड़ा। वह स्वयं भी कई रातें दो-ढाई बजे तक जागे।
कोरोना महामारी के चलते राजभवन के स्टाफ को छुट्टी
कोरोना महामारी के चलते लालजी ने ने अपनी दिनचर्या में बदलाव किया है। इन दिनों राजभवन में होने वाली सामान्य मुलाकातों पर उन्होंने पाबंदी लगा दी है। अतिविशिष्ट लोगों की भी महामहिम से मिलने के पूर्व थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। उन्हें सुरक्षित दूरी बनाकर ही राज्यपाल से बात करने को कहा गया है। राजभवन के ज्यादातर कर्मचारियों को छुट्टी दे दी गई। अधिकारियों को भी एक दिन के अंतराल से आने को कहा गया है। जरूरी काम ज्यादातर फोन पर ही निस्तारित करनी की कोशिश होती है। कुलपतियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बात होती है। दीक्षा समारोह और लखनऊ-विदिशा दौरा टाल दिया गया है।
टंडन ने कहा- लॉकडाउन मेरे लिए आत्म अनुशासन का पर्व
लालजी कहते हैं कि लॉकडाउन मेरे लिए तो यह आत्म अनुशासन के पर्व जैसा है। नवरात्र पर्व भी चल रहा है। कई दशक हो गए इन दिनों घर पर ही स्वाध्याय और देवी आराधना करता हूं। घर में कलश स्थापना भी करता हूं। अष्टमी पर कुलदेवी का पूजन हवन करता हूं।
नवरात्र में सादा एवं पौष्टिक खानपान के साथ फलाहार पर जोर
नवरात्र के पहले और अंतिम दिन व्रत रहता हूं। नवरात्र में मेरा खान-पान बहुत सादा और फलाहार पर ही जोर रहता है। वैसे भी हमेशा सादा और शाकाहारी पौष्टिक भोजन ही लेता हूं।
राज्यपाल ने कहा- कोरोना संक्रमण के चलते मैंने मुलाकातें कर दीं सीमित
राज्यपाल ने बताया कि इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते मैंने अपनी दिनचर्या तो बदली ही, प्रदेश में सभी लोगों के लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखना बहुत जरूरी है। इसलिए गिलोय का रस, अदरक और आयुर्वेदिक औषधियां भी ले रहा हूं। मुलाकातें सीमित कर दी हैं, इसलिए अब फुर्सत के क्षणों का उपयोग अपनी ही पुस्तक पढ़ने और उसे अपडेट करने में जुट गया हूं। एक बात और संस्मरणों की इस पुस्तक का शीर्षक भी मैंने 'स्मृतिनाद' तय कर लिया है।
कोरोना के खिलाफ जंग में उपयोग करें बुद्धि और युवा शक्ति
कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में राज्यपाल लालजी टंडन ने बुद्धि और युवा शक्ति के सकारात्मक उपयोग की नई पहल शुरू है। सुबह साढ़े छह बजे से रात 11 बजे तक उनकी सक्रियता बनी हुई है। पिछले तीन दिन में सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों के माध्यम से जनजागरूकता के 22 लाख संदेश प्रसारित हो चुके हैं। टंडन का मानना है कि यदि 22 में से 10 लाख युवाओं ने भी यह संदेश दस-दस लोगों को पहुंचा दिए तो प्रदेश के एक करोड़ लोगों को जागरूक किया जा सकेगा। उनका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी संवाद बना हुआ है। सोमवार रात को भी उन्होंने इंदौर सहित प्रदेश के अन्य शहरों की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की।
राजभवन की रसोई में रोज जरूरतमंदों के लिए बनते हैं भोजन पैकेट
राज्यपाल कहते हैं कि नवरात्र में सभी लोग कन्या भोजन कराते हैं, लेकिन इस बार देश पर संकट है। भोजन के लिए कोई परेशान न हो इसलिए राजभवन की रसोई में रोज 100 लोगों के भोजन पैकेट बन रहे हैं। भोजन के पैकेट नगरनिगम का अमला जरूरतमंदों के बीच वितरित करता है।