जानलेवा हेपटाइटिस सी का मुफ्त इलाज कराएगी सरकार, चुनिंदा अस्पताल होंगे सुविधाओं से लैस
हेपटाइटिस-सी का इलाज काफी मंहगा है और इस पर 44 लाख रुपये से 67 लाख रुपये तक का खर्च आता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार पूरे देश में जानलेवा हेपटाइटिस-सी का मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा शनिवार को विश्व हेपटाइटिस दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय वायरल हेपटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम को लांच करेंगे। हेपटाइटिस-सी का इलाज काफी मंहगा है और इस पर 44 लाख रुपये से 67 लाख रुपये तक का खर्च आता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय वायरल हेपटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पूरे देश में हेपटाइटिस बी और सी की जांच और इलाज के लिए चुनिंदा अस्पतालों में सुविधाओं को विकसित किया जाएगा। यहां मरीजों का मुफ्त में हेपटाइटिस-सी का पूरा इलाज किया जाएगा। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को हेपटाइटिस-बी का मुफ्त टीका भी लगाया जाएगा।
ध्यान देने की है कि हेपटाइटिस-सी का इलाज में सोफोबुविर नाम की एंटी-वायरल दवा दी जाती है। अमेरिका और यूरोप में इस दवा को पूरे कोर्स की कीमत 63 हजार डालर (43 लाख 47 लाख रुपये) से 94 हजार डालर (64 लाख 86 हजार रुपये) तक आता है। हेपटाइटिस-सी के मुफ्त इलाज के कार्यक्रम लांच करने के साथ-साथ जेपी नड्डा इस अवसर पर डाक टिकट भी जारी करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हेपटाइटिस लीवर कैंसर और लीवर सोरोसिस की प्रमुख वजह है। 2014 में जनरल आफ क्लीनिकल एंड एक्सपेरीमेंटल हेपटोलोजी में छपी स्टडी के अनुसार भारत में प्रति एक लाख जनसंख्या में पुरुषों में 0.7 से 7.5 आदमी में लीवर कैंसर होने की आशंका रहती है। वहीं महिलाओं में यह दर प्रति एक लाख जनसंख्या में 0.2 से 2.2 के बीच होती है। यानी पुरुषों में महिलाओं की तुलना में चार गुना अधिक लीवर कैंसर की आशंका रहती है।