विवि के आरक्षण रोस्टर पर सरकार अब नहीं करेगी लंबा इंतजार
सरकार ने रोस्टर व्यवस्था पर फैसला होने तक विश्वविद्यालयों से भर्ती प्रक्रिया को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। विश्वविद्यालय के भर्ती रोस्टर में बदलाव को लेकर जिस तरीके से राजनीति तेज हुई है, उससे देखते हुए सरकार इस मामले को लेकर और ज्यादा इंतजार के मूड़ में नहीं है। वह इसे लेकर सक्रिय हो गई है। साथ ही इस तैयारी में भी है, यदि सुप्रीम कोर्ट से फैसले को लेकर देरी होती है, तो वह इसे लेकर विधेयक या अन्य कोई वैकल्पिक रास्ता अपना सकती है। फिलहाल इसे लेकर मंत्रालय स्तर पर सुगबुगाहट शुरु हो गई है। इसके तहत विवि की जगह विभाग को यूनिट मानते हुए आरक्षण रोस्टर तैयार करने का आदेश दिया गया था।
सरकार का यह रुख उस समय है, जब आने वाले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव है। ऐसे में यह विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा हो सकता है। यही वजह है कि सरकार इस मामले को लेकर अब कोई देरी नहीं करनी चाहती है। वैसे भी पहले से ही सरकार के भीतर इसे लेकर सहमति बन चुकी है।
सरकार साफ भी कर चुकी है, कि वह आरक्षण के खिलाफ कतई नहीं है। सरकार ने इस दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। बुधवार को सरकार ने रोस्टर व्यवस्था पर फैसला होने तक विश्वविद्यालयों से भर्ती प्रक्रिया को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
यूजीसी ने इस संबंध में सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश भी जारी कर दिए है। सरकार ने यह निर्देश विवि में बदले रोस्टर के हिसाब से भर्ती करने को लेकर शिकायत के बाद दिया है। विश्वविद्यालयों में भर्ती रोस्टर को लेकर यह विवाद उस समय खड़ा हो गया है, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में आरक्षण के भर्ती रोस्टर में विवि की जगह विभाग को यूनिट मानने का आदेश दिया था।
इसके बाद यूजीसी ने इस व्यवस्था को देश के सभी विवि में लागू करने के निर्देश दिए थे। एससी-एसटी वर्ग का मानना है कि इससे उन्हें मिलने वाले आरक्षण लाभ में कमी आएगी। जो संविधान में उन्हें दिए गए आरक्षण के लाभ के खिलाफ होगा।