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लड़कों का शारीरिक शोषण रोकने को सरकार ने तैयार किया प्रस्ताव

शर्म व अन्य कारणों से लड़के अपने साथ हुई हरकत को सारी उम्र बयां नहीं कर पाते हैं ।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 07:09 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 07:23 PM (IST)
लड़कों का शारीरिक शोषण रोकने को सरकार ने तैयार किया प्रस्ताव
लड़कों का शारीरिक शोषण रोकने को सरकार ने तैयार किया प्रस्ताव

नई दिल्ली, प्रेट्र: लड़कों का शारीरिक शोषण रोकने के लिए सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया है। महिला व बाल विकास मंत्रालय इसी सप्ताह कैबिनेट में यह बिल रखेगा।

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कानून मंत्रालय ने इस आशय के एक प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई है, जिसमें पाक्सो एक्ट में तब्दीली की बात कही गई है। इस एक्ट के तहत 18 साल से कम उम्र के बच्चों के यौन उत्पीड़न से निबटने का प्रावधान है। ध्यान रहे कि कुछ दिनों पहले मंत्रालय ने प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें 12 साल से कम उम्र के बच्चे का शारीरिक शोषण करने पर फांसी की सजा का प्रावधान है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार का यह कदम लिंग भेद से ऊपर उठकर यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने की कवायद है। फिल्म मेकर एक्टिविस्ट इंशिया दरीवाला ने भी महिला व बाल विकास मंत्री से अपील की थी कि लड़कों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में सरकार कोई ठोस कदम उठाए।

उनका मानना है कि शर्म व अन्य कारणों से लड़के अपने साथ हुई हरकत को सारी उम्र बयां नहीं कर पाते हैं और वो एक मानसिक व्याधि का शिकार हो जाते हैं। 2007 में मंत्रालय ने 12447 बच्चों से बात कर रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें सामने आया था कि आधे से ज्यादा बच्चे यौन शोषण का शिकार हुए थे। इनमें से 53 फीसद लड़के थे। दिल्ली में यह आंकड़ा 60 फीसद था।

सरकार ने खरीदी पांच हजार किटें

देश भर में दुष्कर्म से जुड़े मामलों की विवेचना के लिए सरकार ने पांच हजार किटें खरीदी हैं। इन्हें विभिन्न पुलिस थानों में भेजा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि दुष्कर्म के बहुत से मामले इस वजह से किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाते, क्योंकि जो मेडिकल पीडि़ता का किया जाता है, उसमें बहुत सी चीजें एकत्र नहीं हो पाती हैं। इन किटों के जरिये पीडि़ता का पसीना, खून व उसके शरीर से मिले वीर्य के नमूने एकत्र किए जाएंगे। मेनका गांधी ने सभी राज्यों से आग्रह किया था कि इस तरह की किटें वह खुद खरीदें।

हरियाणा ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। उनका मानना है कि 13 हजार मामले ऐसे हैं, जिनमें फारेंसिक जांच नहीं हो पाती है। अभी केवल 15 सौ मामलों की जांच के लिए लैब हैं। सरकार ने निर्भया फंड के जरिये इनकी क्षमता व संख्या में इजाफा किया है। पांच नई लैब खोली जा रही हैं। इनके शुरू होने के बाद 20 हजार मामलों में फारेंसिक जांच की जा सकेगी।


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