एनपीआर पर राज्यों की आशंकाएं दूर करने में जुटा केंद्र, शुरू हुआ मुख्यमंत्रियों से मुलाकातों का सिलसिला
NPR पर गैर-भाजपा शासित राज्यों के विरोध के मद्देनजर केंद्र ने मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर उनकी आशंकाएं दूर करने की कवायद शुरू की है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर गैर-भाजपा शासित राज्यों के विरोध के मद्देनजर केंद्र ने मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर उनकी आशंकाएं दूर करने की कवायद शुरू की है। पंजाब, केरल, बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ऐसे गैर-भाजपा शासित राज्य हैं जो एक अप्रैल से 30 सितंबर तक चलने वाली इस कवायद के मुखर आलोचक हैं।
सरकार की कोशिशों के तहत महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की और उन्हें आगामी जनगणना व एनपीआर के लिए की जा रही तैयारियों से अवगत कराया। अमरिंदर ने केंद्र सरकार से तब तक एनपीआर की कवायद रोकने का अनुरोध किया था जब तक कि आशंकाओं को दूर करके उसे जुड़े प्रपत्रों और दस्तावेजों को संशोधित नहीं कर लिया जाता।
पंजाब विधानसभा ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में भी एक प्रस्ताव पारित किया था। हालांकि, केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि जनगणना कर्मियों को माता-पिता के जन्मस्थान जैसी जानकारी देना स्वैच्छिक है। विवेक जोशी ही देशभर में जनगणना और एनपीआर कवायद की निगरानी करेंगे और संभावना है कि वह एनपीआर का विरोध कर रहे सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे।
इन मुलाकातों के दौरान महापंजीयक अधिकारी राज्यों को सटीक जनगणना आंकड़ों और एनपीआर की अहमियत समझाएंगे। केरल समेत कई राज्यों ने कहा है कि वे जनगणना में तो सहयोग करेंगे, लेकिन एनपीआर में नहीं। हाल ही में महापंजीयक द्वारा बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने के बाद राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने बताया था कि उन्होंने और कुछ अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने एनपीआर कवायद के दौरान लोगों से पूछे जाने वाले कुछ सवालों पर आपत्ति व्यक्त की थी।