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सरकार ने छेड़ी बड़ी मुहिम, पुरातात्विक महत्व के सभी स्थलों की अब होगी जियो मैपिंग

संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक जियो मैपिंग के साथ ही इसमें उस स्थल से जुड़ी सारी जानकारी भी मिलेगी। इसके साथ ही स्थल पर मौजूदा भवन और इमारत को देखा जा सकेगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 09:44 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 09:47 PM (IST)
सरकार ने छेड़ी बड़ी मुहिम, पुरातात्विक महत्व के सभी स्थलों की अब होगी जियो मैपिंग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पुरातात्विक महत्व के स्थलों को संरक्षित करने के साथ उन्हें अवैध कब्जों से बचाने के लिए सरकार ने बड़ी मुहिम छेड़ रखी है। इसके तहत देश के ऐसे सभी स्थलों को अब इसरो की मदद से जियो मैपिंग कराने का फैसला लिया है। मौजूदा समय में देश में पुरातात्विक महत्व के 36 सौ से ज्यादा स्थल है, लेकिन अभी इनमें से सिर्फ पांच सौ स्थलों की ही जियो मैपिंग है।

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संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक जियो मैपिंग के साथ ही इसमें उस स्थल से जुड़ी सारी जानकारी भी मिलेगी। इसके साथ ही स्थल पर मौजूदा भवन और इमारत को देखा जा सकेगा। वहीं इस प्रोजेक्ट से ऐसे स्थलों के आस- पास होने वाले निर्माणों पर भी निगरानी रखी जा सकेगी।

इसरो की ली जा रही मदद

मौजूदा समय में पुरातात्विक स्थलों के आसपास काफी बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा है। जिसे हटाने के लिए जहां सरकार एक तरफ मुहिम जारी रखे हुए है, वहीं वह कोई नया कब्जा न हो, इसे लेकर भी सतर्क है। फिलहाल विस्तृत क्षेत्र में फैले इन पुरातात्विक महत्व के स्थलों पर निगाह रखना काफी कठिन काम है। ऐसे में सरकार ने इसके लिए तकनीक का सराहा लिया है। इनमें इसरो से मदद ली जा रही है।

पुरातत्व स्थलों को सहेजने की सरकार का यह कोई पहला प्रयास नहीं है। इससे अलावा सरकार उन स्थलों को भी दुनिया की नजरों में सामने लाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इसके तहत देश भर में फैले ऐसे स्थलों की नए सिरे सर्वे कराने का भी फैसला लिया है।


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