Move to Jagran APP

वॉट्सऐप के जरिए हो रही थी जासूसी, सरकार ने कंपनी से मांगा जवाब; इजराइली स्पाईवेयर से जुड़े हैं तार

रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार मेसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप पर भारत के नागरिकों की निजता भंग होने से चिंतित है। हमने वॉट्सऐप से इस मामले पर जवाब मांगा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 05:56 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 09:40 PM (IST)
वॉट्सऐप के जरिए हो रही थी जासूसी, सरकार ने कंपनी से मांगा जवाब; इजराइली स्पाईवेयर से जुड़े हैं तार
वॉट्सऐप के जरिए हो रही थी जासूसी, सरकार ने कंपनी से मांगा जवाब; इजराइली स्पाईवेयर से जुड़े हैं तार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाट्सएप पर भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी से जुड़े मामले में सरकार ने वाट्सएप से जवाब मांगा है। इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वाट्सएप से 4 नवंबर तक विस्तृत जवाब देने को कहा है। केंद्र सरकार ने वाट्सएप की तरफ से यह पुष्टि किये जाने के बाद जवाब मांगा है कि इस्त्राइली स्पाइवेयर पेगासस भारत में भी सक्रिय था और लोगों की जासूसी कर रहा था।

loksabha election banner

बृहस्पतिवार को ही फेसबुक के स्वामित्व वाले वाट्सएप ने स्वीकार किया था कि दुनिया भर के 1400 लोगों के वाट्सएप एकाउंट इस्त्राइली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए जासूसी का शिकार हो रहे थे। इनमें कुछ भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी शामिल हैं। वाट्सएप ने इस्त्राइली सर्विलांस कंपनी एनएसओ पर मुकदमा करने का ऐलान भी किया है। यह टेक्नोलॉजी इसी कंपनी की है। हालांकि वाट्सएप ने इसका शिकार हुए लोगों के नामों का खुलासा नहीं किया है।

उधर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद इस मामले में किये गये एक ट्वीट में इसे बेहद चिंताजनक बताया है। प्रसाद ने कहा है कि सरकार भारतीय नागरिकों की निजता के हनन को लेकर चिंतित है। प्रसाद के मुताबिक 'हमने वाट्सएप से पूछा है कि ऐसा क्यों और कैसे हुआ और वह भारतीय नागरिकों की निजता की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठा रही है।'

प्रसाद ने कहा है कि सरकार अपने नागरिकों की निजता की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। किसी भी तरह की निगरानी के लिए सुरक्षा एजेंसियां एक निश्चित प्रोटोकॉल का पालन करती हैं। इसके तहत सक्षम अधिकारियों की पूर्वानुमति से लेकर उनकी निगरानी के प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हालांकि यह कदम केवल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में ही उठाया जाता है। उन्होंने याद दिलाया कि यूपीए सरकार में प्रणब मुखर्जी के वित्त मंत्री रहते और सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के कार्यालय में जासूसी उपकरण मिलना भी निजता के हनन के मामले रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.