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दुष्‍कर्म मामले में तेजपाल को बरी करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी गोवा सरकार

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Goa Chief Minister Pramod Sawant) ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार दुष्‍कर्म मामले में पत्रकार तरुण तेजपाल (Tarun Tejpal) को बरी करने की अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 21 May 2021 05:23 PM (IST)Updated: Fri, 21 May 2021 05:51 PM (IST)
दुष्‍कर्म मामले में तेजपाल को बरी करने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी गोवा सरकार
गोवा सरकार पत्रकार तरुण तेजपाल को बरी करने की अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेगी।

पणजी, एजेंसियां। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Goa Chief Minister Pramod Sawant) ने शुक्रवार को कहा कि उनकी सरकार दुष्‍कर्म मामले में पत्रकार तरुण तेजपाल को बरी करने की अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख करेगी। मालूम हो कि मापुसा की एक सत्र अदालत ने गोवा के होटल की लिफ्ट में साथी महिला के यौन उत्पीड़न मामले में शुक्रवार को तेजपाल को बरी कर दिया। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत इसी बारे में सरकार के अगले कदम की जानकारी दे रहे थे। 

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मुख्यमंत्री सावंत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम गोवा में महिलाओं के साथ किसी भी तरह के अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी सरकार जिला अदालत के तेजपाल को बरी किए जाने के फैसले को जल्द ही हाईकोर्ट में चुनौती देगी। सावंत (Pramod Sawant) ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट का रुख करने को लेकर इस मामले के लोक अभियोजक और जांच अधिकारी के साथ बातचीत की है।

मुख्यमंत्री सावंत (Goa Chief Minister Pramod Sawant) ने यह भी दावा किया कि कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। मालूम हो कि गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तरुण तेजपाल (Journalist Tarun Tejpal) के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। गोवा की अपराध शाखा ने पत्रकार तरुण तेजपाल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। तेजपाल मई 2014 से जमानत पर थे।

उधर अदालत द्वारा दुष्‍कर्म के आरोपों से बरी किए जाने के बाद तेजपाल ने कहा कि पिछले साढ़े सात वर्ष उनके परिवार के लिए जख्‍म देने वाले रहे हैं। उन्‍होंने अदालत को इस फैसले के लिए भी धन्यवाद दिया। मालूम हो कि तहलका पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक तेजपाल ने इससे पहले बॉम्‍बे हाई कोर्ट का रुख कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। हालांकि उच्‍च न्‍यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक तेजपाल के खिलाफ भादंसं की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न), धारा 376 की उपधारा दो (फ) (पद का दुरुपयोग कर अधीनस्थ महिला से दुष्‍कर्म) और 376 (2) (क) के तहत मुकदमा चला। अब गोवा सरकार के रुख से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में भी तेजपाल की मुश्किलें कम नहीं होने वाली हैं।  


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