Move to Jagran APP

गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी को पत्र लिख टीका निर्माण में तेजी के उपाय सुझाए

पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आक्सीजन की उपलब्धता में सुधार के साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए टीकाकरण स्थलों की स्थापना के लिए पहले से तैयार बेड और इकाइयों का उपयोग द्वारा और क्षेत्र के का भी सुझाव दिया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 08:24 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 08:24 AM (IST)
गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी को पत्र लिख टीका निर्माण में तेजी के उपाय सुझाए
पीएम मोदी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी

नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कोरोना टीकों के उत्पादन में तेजी लाने के लिए प्रमुख वैक्सीन निर्माण कंपनियों को शामिल करने और देश भर में टीकाकरण का व्यापक अभियान शुरू करने के लिए हाल ही में सेवानिवृत्त हुए नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को फिर से काम पर रखने का सुझाव दिया है। पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने आक्सीजन की उपलब्धता में सुधार के साथ बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए टीकाकरण स्थलों की स्थापना के लिए पहले से तैयार बेड और इकाइयों का उपयोग द्वारा और क्षेत्र के का भी सुझाव दिया।

loksabha election banner

कांग्रेस ने आजाद को हाल ही में कोरोना राहत समन्वय के लिए पार्टी की ओर से गठित 13 सदस्यीय टास्क फोर्स का प्रमुख नामित किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को एक पत्र लिखकर चार सुझाव दिए हैं। आजाद ने आशा व्यक्त की कि उनके इन रचनात्मक सुझावों पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा। वैक्सीन, मानव संसाधन, बुनियादी ढांचे और आक्सीजन की कमी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि उनके सुझाव केंद्र और राज्य सरकारों, विभिन्न संगठनों द्वारा किए जा रहे प्रयासों और डाक्टरों और सुरक्षा बलों सहित फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के असाधारण योगदान के संबंध में हैं। 

कांग्रेस नेता ने कोवैक्सीन की तकनीक अन्य टीका कंपनियों को देने की भी सलाह दी

उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि देश में 21 प्रमुख वैक्सीन निर्माता कंपनियां हैं। इन सभी कंपनियों के पास जैव-सुरक्षा मानदंडों के अनुरूप अत्याधुनिक निर्माण सुविधाएं हैं। वास्तव में उनमें से सात कथित डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी उतरती हैं। इनमें से दो प्रतिष्ठित वैक्सीन निर्माता कंपनियां सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआइआइ) और मेसर्स भारत बायोटेक क्रमश: कोविशिल्ड और कोवैक्सिन का निर्माण कर रही हैं। यह स्पष्ट है कि उनके अथक प्रयासों के बावजूद देश की जरूरतों को पूरा करने का उन पर भारी दबाव है। 

उन्होंने कहा कि वर्तमान उत्पादन क्षमता और आपूर्ति की दर को देखते हुए टीकाकरण का वांछित स्तर 2022 की तीसरी तिमाही तक प्राप्त हो पाएगा। आजाद ने कहा कि यह समझा जाता है कि एस्ट्राजेनेका के साथ पेटेंट लाइसेंसिंग व्यवस्था के तहत एसआइआइ कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन कर रही है। वहीं डा.रेड्डीज लैब को हाल ही में स्पुतनिक वैक्सीन के निर्माण के लिए लाइसेंस दिया गया है। हम निश्चित रूप से घरेलू रूप से विकसित कोवैक्सीन के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। 

मेरा मानना है कि भारत बायोटेक द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन के विकास में जैव प्रौद्योगिकी विभाग और आइसीएमआर ने सहयोग किया है। यह उचित रहेगा है कि वे इस प्रौद्योगिकी को डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी अन्य दवा कंपनियों से साझा करें। इससे तुरंत कोवैक्सिन का उत्पादन कई गुना बढ़ जाएगा जिससे टीकाकरण कवरेज में तुरंत सुधार होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.