देश का पैसा लेकर भागने वालों पर चल सकेगा कानून का डंडा, लोकसभा में पास हुआ बिल
देश का करोड़ों, अरबों रुपया लेकर भाग जाने वालों पर भी अब कानून का डंडा चलाया जा सकेगा। इसके लिए मोदी सरकार द्वारा लाया बिल पास हो गया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून बड़े आर्थिक अपराधों को रोकने और ऐसे मामलों की तेज गति से सुनवाई सुनिश्चित करेगा। केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष की तमाम आशंकाओं को निराधार बताया और कहा कि यह कानून पूरी तरह से वैधानिक है। लोकसभा ने ध्वनि मत से इस विधेयक को मंजूरी दे दी।यह कानून जांच एजेंसियों को न सिर्फ भगोड़े आर्थिक अपराधियों की अपनी संपत्ति बल्कि उनकी बेनामी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार भी देगा।
विधेयक पर करीब चार घंटे चली बहस में कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री गोयल ने विपक्ष की तमाम आशंकाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा कानूनों के तहत ऐसे कई मामले चल रहे हैं और इनकी संख्या बहुत अधिक होने की वजह से अदालती कार्यवाही में देरी होती है। इसी वजह से सरकार ने सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि के मामलों को इस कानून के तहत रखा है ताकि फास्ट ट्रैक अदालतों के जरिए भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके। विपक्ष की तरफ से इस सीमा को समाप्त करने की मांग की गई।
विपक्ष की तरफ से गिनाई गई सभी खामियों का वित्त मंत्री ने सिलसिलेवार जवाब दिया और आश्वस्त किया कि सरकार ने इन सभी आशंकाओं के निराकरण का उपाय विधेयक में किया है। उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि संयुक्त राष्ट्र में हुई संधि पर 2011 में हस्ताक्षर होने के बावजूद कांग्रेस ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर लगाम कसने को कानून नहीं बनाया। वित्त मंत्री ने कांग्रेस और बीजद की तरफ से भगोड़े आर्थिक अपराधियों की जब्त संपत्ति से रिकवरी का प्रावधान न होने के सवाल का भी जवाब दिया और कहा कि विधेयक के अनुच्छेद 15 में इसका पूरा ध्यान रखा गया है।
विपक्ष की तरफ से कानून को पिछली तारीख से अमल नहीं करने के सवाल पर गोयल ने कहा कि यह कानून मौजूदा और भविष्य दोनों आर्थिक अपराधियों पर लागू होगा। विधेयक पर हुई चर्चा की शुरुआत आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने की। उनके बाद कांग्रेस के शशि थरूर, भाजपा के निशिकांत दुबे, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी समेत कई सांसदों ने हिस्सा लिया। विपक्ष ने विधेयक के कई प्रावधानों पर सवाल उठाए। चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री गोयल ने विपक्ष की तमाम आशंकाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा कानूनों के तहत ऐसे कई मामले चल रहे हैं और इनकी संख्या बहुत अधिक होने की वजह से अदालती कार्यवाही में देरी होती है। इसी वजह से सरकार ने सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि के मामलों को इस कानून के तहत रखा है ताकि फास्ट ट्रैक अदालतों के जरिए भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जा सके।
विपक्ष की तरफ से गिनाई गई सभी खामियों का वित्त मंत्री ने सिलसिलेवार जवाब दिया और आश्वस्त किया कि सरकार ने इन सभी आशंकाओं के निराकरण का उपाय विधेयक में किया है। वित्त मंत्री ने कांग्रेस और बीजद की तरफ से भगोड़े आर्थिक अपराधियों की जब्त संपत्ति से रिकवरी का प्रावधान न होने के सवाल का भी जवाब दिया और कहा कि विधेयक के अनुच्छेद 15 में इसका पूरा ध्यान रखा गया है। विधेयक के लिए विपक्ष की तरफ से 30 संशोधनों का प्रस्ताव किया गया था। लेकिन अधिकांश को वापिस ले लिया गया। जिन संशोधनों को पेश किया गया वे भी खारिज हो गए। सरकार की तरफ से विधेयक में दस संशोधन लाए गए हैं जिन्हें ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया गया।
निशिकांत ने करायी फजीहत
भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक पर चर्चा के दौरान एक बार ऐसा मौका भी आया जब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की एक टिप्पणी पर कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल गया। दुबे ने चर्चा के दौरान राजनीतिक अपरिपक्वता का परिचय देते हुए कहा कि विजय माल्या के देश से भागने के मामले में सीबीआइ एक पूर्व वित्त मंत्री का नाम चार्जशीट में शामिल करने जा रही है। दुबे के इस कथन पर सदन में कांग्रेस पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत सभी कांग्रेसी सांसदों ने कड़ी आपत्ति जतायी। खड़गे ने आरोप लगाया कि अभी चार्जशीट नहीं हुई है। सांसद को यह बात पहले कैसे पता है।
इससे संकेत मिलता है कि जांच एजेंसी पूर्व नियोजित मंशा से काम कर रही है। इस पर सत्ता और विपक्ष में तीखी नोंकझोंक हुई। बाद में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री गोयल की तरफ से कांग्रेसी सांसद शशि थरूर के अंग्रेजी उच्चारण को लेकर की गई टिप्पणी पर भी कांग्रेस और विपक्ष के सांसदों ने ऐतराज जताया। गोयल ने कहा कि उन्हें थरूर का विदेशी सरीखा उच्चारण समझने में दिक्कत हुई है। इस पर कांग्रेस के ऐतराज करने के साथ साथ आरएसपी के प्रेमचंद्रन ने कहा कि वित्त मंत्री को इस तरह की टिप्पणी से बचना चाहिए।