झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, चुनाव लड़ने की रोक पर दी चुनौती
कोड़ा बोले- अगर अर्जी पर सकारात्मक फैसला आता है तो वे निश्चित तौर पर जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। झारखंड के विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। पहले चुनाव आयोग में अर्जी तो अब खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा। मधु कोड़ा खुद पर लगे चुनाव प्रतिबंध को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। चुनाव आयोग ने कोड़ा के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। जहां अब उन्होंने चुनाव आयोग की इस रोक पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। बताया गया कि आयोग द्वारा उनपर रोक 2017 में चुनावी खर्च के बारे में सही खुलासा नहीं करने पर लगाई गई। वहीं, उन्हें अयोग्य ठहरा दिया गया था। हालांकि, बड़ी बात यह है कि अब कोर्ट उनकी इस याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है। कोर्ट शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करेगा।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पहुंचे सुप्रीम कोर्ट । चुनाव लड़ने पर चुनाव आयोग की रोक को दी चुनौती। आयोग ने 2017 में चुनावी खर्च के बारे में सही खुलासा नहीं करने पर उन्हें अयोग्य ठहराया गया था। कोर्ट शुक्रवार को याचिका पर करेगा सुनवाई ।@JagranNews
— Mala Dixit (@mdixitjagran) November 13, 2019
इससे पहले सोमवार को जानकारी मिली कि मधु कोड़ा ने चुनाव लड़ने की अनुमति देने के लिए चुनाव आयोग में अर्जी दी है। उनकी अर्जी मंजूर हो जाने की स्थिति में वे चुनावी अखाड़े में कूदेंगे। जानकारी यह भी है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो मधु कोड़ा जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं, सोमवार को उन्होंने खुद पत्रकारों से बात करते हुए कहा यह कहा कि अगर अर्जी पर सकारात्मक फैसला आता है तो वे निश्चित तौर पर जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगा। मधु कोड़ा ने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल कर दी है। अब आयोग के फैसले का इंतजार है। उधर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दे दी है।
फिलहाल आपको बता दें कि जय भारत समानता पार्टी की बागडोर संभाल रहे मधु कोड़ा आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों को लेकर काफी चर्चा में रहे। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनकी संपत्तियों का जब्त करने की कार्रवाई चली। पिछले चुनाव में उनकी पत्नी गीता कोड़ा ने जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने संयुक्त प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को हराकर सांसद बनीं।