FORDA का 'डॉक्टरों' पर हुए हमलों को लेकर अमित शाह को पत्र, सख्त एक्शन के साथ संरक्षण Act की मांग
डॉक्टरों के लिए केंद्रीय संरक्षण अधिनियम की भी मांग अमित शाह से की गई। कहा गया कि हमारे द्वारा पहले भी ऐसी ही मांग की गई थी। डॉक्टरों की यह जरूरत है।
नई दिल्ली, एएनआइ। देश की जनता दिन रात लोगों के इलाज में लगे डॉक्टरों का मनोबल बढ़ा रही है और उनके साथ खड़ी है। हालांकि, कुछ लोग हैं ऐसे भी जो देश के मेडिकल स्टाफ से जुड़े लोगों पर हमला कर रहे हैं। ऐसी कई घटनाएं हमारे सामने आ चुकी हैं। अब जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने गृहमंत्री अमित शाह को खत लिखा है जिसमें डॉक्टरों पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जाहिर की गई है। खत में डॉक्टरों पर हो रहे हमलों की कई घटनाओं और डॉक्टरों के लिए केंद्रीय संरक्षण अधिनियम की मांग की गई है।
अमित शाह के नाम इस पत्र में कई घटनाओं के बारे में भी जिक्र किया गया है। इसमें भोपाल और नोएडा के मामले के बारे में बताया गया है। पत्र में कहा गया कि देश में कोरोना वायरस महामारी के लिए डॉक्टरों से लेकर बाकी अन्य हेल्थ केयर स्टाफ मजबूती से अपनी लड़ाई लड़ रहा है। बावजूद इसके आए दिन इन योद्धाओं के साथ ऐसी घटनाएं हो रही हैं। FORDA ऐसी घटनाओं की निंदा करती है और गैर जमानती अपराध लागू करने की मांग करती है।
इसके अलावा डॉक्टरों के लिए केंद्रीय संरक्षण अधिनियम की भी मांग अमित शाह से की गई। कहा गया कि हमारे द्वारा पहले भी ऐसी ही मांग की गई थी। डॉक्टरों की यह जरूरत है। वहीं, अंत में जरूरी एक्शन की मांग गृह मंत्री से की गई। बता दें कि भोपाल, इंदौर और नोएडा के अलावा कई जगहों से डॉक्टरों और व अन्य हेल्थ केयर स्टाफ से बदसलूकी की खबर सामने आई हैं।
ऐसे ही एक मामला दिल्ली के नजदीक उत्तर प्रदेश के जिले गाजियाबाद से सामने आया था। बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज से निकले तबलीगी जमात के लोग देश के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण के प्रसार के लिए जहां जिम्मेदार माने जा रहे हैं, वहीं मेडिकल स्टाफ के साथ इन लोगों की बदसलूकी के कई मामले भी आ रहे हैं। गाजियाबाद के एमजीएम अस्पताल में क्वारंटाइन में रखे गए 13 जमातियों पर महिला मेडिकल स्टाफ के साथ अश्लील हरकतें करने के आरोप लगे हैं। यह भी आरोप है कि वे बिना पैंट के घूम रहे हैँ, जिससे नर्सों और अन्य लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।