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17th Lok Sabha: इस बार संसद में दिखेगी नए भारत की नई तस्वीर, जानिए- क्या है खास

17th Lok Sabha सदन में इस बार सबसे ज्यादा युवा और नए चेहरे से लोगों को संसद में रचनात्मक बहस की उम्मीद जगी है। इसके साथ ही सदन की सूरत काफी बदली हुई दिखेगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sun, 16 Jun 2019 06:14 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 08:48 AM (IST)
17th Lok Sabha: इस बार संसद में दिखेगी नए भारत की नई तस्वीर, जानिए- क्या है खास

नई दिल्ली, जेएनएन। 17वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। इस बार संसद में बहुत कुछ बदला हुआ नजर आएगा। इस बार संसद में 277 सांसद पहली बार चुनकर आए हैं। इसके अलावा सबसे अधिक महिलाएं संसद पहुंची है। सबसे ज्यादा युवा भी जीतकर आए हैं। चुने गए सांसद अलग-अलग विधाओं से जुड़े हैं और उनकी विविधताओं का रंग लोगों में उम्मीद जगाता है।

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सदन में सबसे ज्यादा युवा और नए चेहरे से लोगों को संसद में रचनात्मक बहस की उम्मीद जगी है। इसके साथ ही सदन की सूरत काफी बदली हुई दिखेगी। संख्या बल के हिसाब से पहली पंक्ति की 20 सीटों में 13 सीटें एनडीए के हिस्से में आएंगी। 

277 सांसद पहली बार चुनकर पहुंचे हैं संसद में

17वीं लोकसभा इसलिए खास होने जा रहा है क्योंकि इस बार आधे से अधिक यानि 277 सांसद पहली बार चुनकर संसद पहुंचे हैं। इसमें भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। इसके अलावा 147 सांसद दूसरी बार लोकसभा में चुनकर आए हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। वहीं 51 सांसद ऐसे हैं जो तीसरी बार चुनकर आए हैं। 2 सांसद ऐसे भी हैं जो आठवीं बार लोकसभा पहुंचे हैं।

इस बार संसद में सदस्यों की औसत उम्र 54 साल है

17वी लोकसभा में सांसदों की उम्र देखे तो 54 साल औसत उम्र है। इसमें 25 से 40 साल उम्र के करीब 12 फीसद सांसद हैं। 40 से 55 साल के करीब 41 फीसद एमपी चुनकर आए हैं। 56 से 70 साल के सर्वाधिक 42 फीसद सांसद लोकसभा पहुंचे हैं। 70 साल से अधिक उम्र को देखे को सबसे कम 6 फीसद ही चुनकर आए हैं।

जाति और धर्म के मामले में भी इस बार अलग होगा

इस बार संसद में सदस्यों की जाति और धर्म को देखें तो वह भी अलग ही है। 17वीं लोकसभा में भी सर्वाधिक 491 सांसद हिंदू है, ये लोकसभा में करीब 90.4 फीसद हैं। वहीं मुस्लिम सदस्यों की बात करें तो इस बार करीब 30 एमपी मुस्लिम समुदाय से चुनकर आए हैं, ये लोकसभा में 5.2 फीसद हैं। इसके अलावा सिख और इसाई समुदाय से 22 सांसद चुनकर आए हैं, लोकसभा में इसकी हिस्सेदारी करीब 4.2 फीसद है। यदि सदन में जाति के हिसाब से देखें तो सर्वाधिक 232 सदस्य सवर्ण, 120 ओबीसी, 86 अनुसूचित जाति(एससी), 52 अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग से चुनकर आए हैं।

आजादी के बाद पहली बार इतनी महिलाएं बनीं सांसद

17वीं लोकसभा के विजयी उम्मीदवारों में महिलाओं की कुल संख्या 78 है। महिला सांसदों की अब तक की इस सर्वाधिक भागीदारी के साथ ही नई लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या कुल सदस्य संख्या का 17 फीसद हो जाएगी। महिला सांसदों की सबसे कम संख्या 9वीं लोकसभा में 28 थी। चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा की 542 सीटों के लिए शुक्रवार को घोषित पूर्ण परिणाम के आधार पर सर्वाधिक 40 महिला उम्मीदवार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीती हैं। वहीं कांग्रेस के टिकट पर सिर्फ पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने महिला उम्मीदवार के रूप में रायबरेली से जीत दर्ज की है। सर्वाधिक ओडिसा में 21 में से 7 महिला सांसद हैं, जिसमें से बीजेडी की छह और भाजपा के दो सांसद हैं।

394 सांसद स्नातक

इस बार स्नातक तक पढ़े 394 लोग संसद पहुंचे हैं। 17वीं लोकसभा में 27 फीसद सांसदों ने हायर सेकेंड्री तक की पढ़ाई की है, जबकि 43 फीसद ग्रेजुएट (स्नातक) हैं। 25 फीसद पोस्ट ग्रेजुएट और 4 फीसद सांसदों के पास डॉक्टरेट की डिग्री है। 16वीं लोकसभा में 20 फीसद सांसदों के पास उच्चतर माध्यमिक की डिग्री थी। ज्ञात हो कि 1996 से 75 फीसद स्नातक की डिग्री लेने वाले लोग चुनकर संसद पहुंचे हैं।

सबसे ज्यादा समाजसेवी और किसान

सबसे ज्यादा समाजसेवी और किसान इस बार लोकसभा पहुंचे हैं। 39 फीसद सांसदों ने खुद को राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है। वहीं, 38 फीसद ने अपना पेशा कृषि बताया है। 542 सांसदों में 23 फीसद व्यवसायी हैं, 4 फीसद वकील, 4 फीसद डॉक्टर, तीन फीसद कलाकार और दो फीसद शिक्षक हैं। कई सांसदों ने बताया है कि उनका पेशा एक से ज्यादा है।

आडवाणी, सिंधिया, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित ये राजनीतिक दिग्गज सदन में नहीं दिखेंगे

पिछले तीन दशकों से भारतीय चुनावी इतिहास में अपनी पार्टी, राज्य और संसदीय क्षेत्र की आवाज बनने वाले कुछ प्रमुख चेहरे इस बार संसद में नजर नहीं आएंगे। इनमें प्रमुख हैं भाजपा के लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, हुकुमदेव नारायण यादव, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, कांग्रेस के सदन में नेता रहे मल्लिकार्जुन खड़गे और उपनेता ज्योतिरादित्य सिंधिया।

लोकसभा की सूरत बदलेगी, पहली पक्ति में दिखेगे अमित शाह औऱ राहुल गांधी

17वीं लोकसभा के 17 जून से शुरू हो रहे सत्र में सदन की सूरत काफी बदली हुई दिखेगी। संख्या बल के हिसाब से पहली पंक्ति की 20 सीटों में 13 सीटें एनडीए के हिस्से में आएंगी। एक सीट लोकसभा उपाध्यक्ष के लिए होगी। बाकी छह सीटों में दो कांग्रेस को और एक-एक द्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के हिस्से में आएगी। बताया जा रहा है कि इस बार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहली पंक्ति में नजर आएंगे। यह भी बताया जा रहा है कि मल्लिकार्जुन की अनुपस्थित में राहुल गांधी पहली पंक्ति में बैठेगे।

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