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जाति प्रमाण पत्र मामले में छत्‍तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी के खिलाफ एफआइआर दर्ज

जाति प्रमाण पत्र मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit Jogi) के खिलाफ छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर जिले (Bilaspur district) में एक एफआईआर दर्ज हुई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 02:40 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 03:08 PM (IST)
जाति प्रमाण पत्र मामले में छत्‍तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी के खिलाफ एफआइआर दर्ज
जाति प्रमाण पत्र मामले में छत्‍तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी के खिलाफ एफआइआर दर्ज

रायपुर, पीटीआइ। FIR against Ajit Jogi जाति प्रमाण पत्र मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit Jogi) के खिलाफ छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर जिले (Bilaspur district) में एक एफआईआर दर्ज हुई है। छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति का पता लगाने के लिए बनी उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा जोगी के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को खारिज करने के बाद यह एफआइआर दर्ज की गई है। इस महीने की 23 तारीख को प्रमाण पत्र खारिज करने को लेकर यह आदेश जारी किए गए थे।  

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पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि शहर के सिविल लाइंस थाने में बृहस्पतिवार देर रात को जोगी के खिलाफ केस दर्ज किया गया। जिला प्रशासन ने पुलिस को जोगी के खिलाफ छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग (Regulation of Certification of Social Status) एक्‍ट 2013 की धारा 10 (1) के तहत मामला दर्ज करने को कहा था। इसके बाद जोगी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।

बिलासपुर के एसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मामले में अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह एफआईआर बिलासपुर के तहसीलदार टीआर भारद्वाज द्वारा दर्ज की गई। वहीं अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी ने कहा है कि राज्य सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। उन्‍होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इशारों पर विपक्ष के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हम इस मामले को लेकर अदालत जाएंगे।

बता दें कि साल 2001 में भारतीय जनता पार्टी के नेता संत कुमार नेताम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग से शिकायत की थी कि जोगी ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर स्वयं को आदिवासी बताया है। इस मामले को लेकर भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और वर्तमान में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने अदालत में परिवाद दाखिल किया था। साल 2011 में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि जाति की छानबीन के लिए उच्चाधिकार प्राप्‍त समिति गठित की जाए। समिति इस बारे में अपना फैसला दे। 

पिछली रमन सिंह सरकार ने जाति प्रमाण पत्र उच्चस्तरीय छानबीन समिति गठित की थी। छानबीन समिति ने जोगी को जारी कंवर अनुसूचित जनजाति से संबंधित जाति प्रमाण पत्रों को विधि संगत नहीं पाया था। साल 2017 में जोगी के जाति प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ जोगी ने हाईकोर्ट का रुख किया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने एकबार फ‍िर छानबीन समिति के आदेश को निरस्त करते हुए नई समिति बनाने का फैसला दिया था। फरवरी वर्ष 2018 में समिति का पुनर्गठन किया गया। अब एकबार फ‍िर छानबीन समिति ने जोगी को जारी जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का आदेश दिया है।


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