वित्त मंत्री जेटली ने राहुल पर लगाया स्कॉर्पीन पनडुब्बी सौदे में आफसेट कांट्रैक्ट मिलने का आरोप
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यूपीए सरकार के दौरान हुए रक्षा सौदे पर एक मीडिया रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला किया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्कॉर्पीन पनडुब्बी सौदे में आफसेट कांट्रैक्ट को लेकर अरुण जेटली ने राहुल गांधी से जवाब मांगा है। केंद्रीय वित्त मंत्री के अनुसार, स्कॉर्पीन सौदे में जिस कंपनी को आफसेट कांट्रैक्ट मिला है, वह राहुल गांधी की एक कंपनी में साझीदार है। जेटली ने कहा कि बिना सुबूत के प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगाने वाले कांग्रेस अध्यक्ष 'खुद आफसेट का लाभ लेने वाले निकले।'
जेटली ने बताया कि किस तरह 2002 में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नाम से भारत में बैकअप्स प्राइवेट लिमिटेड और एक साल बाद लंदन में इसी नाम से दूसरी कंपनी बनाई जाती है। लंदन की कंपनी में उनके साझीदार उलरिक मैक्नाइट वैसे तो अमेरिकी नागरिक हैं, लेकिन गोवा के एक कांग्रेसी नेता के दामाद भी हैं। आरोप है कि लंदन की इसी कंपनी के सालाना रिटर्न में राहुल गांधी की ओर से ब्रिटिश नागरिक होने की बात कही गई थी।
जेटली ने कहा कि नए रहस्योद्घाटन में राहुल के साझीदार उलरिक मैक्नाइट से जुड़ी कंपनी को फ्रांसीसी कंपनी के साथ हुई स्कॉर्पीन पनडुब्बी सौदे का आफेसट कांट्रैक्ट मिला था। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस अध्यक्ष खुद बताएं कि स्कॉर्पीन डील में अपने साझीदार को कांट्रैक्ट दिलाने में उनका आंकलन कैसे किया जाए। एक तरफ वे सीएजी और सुप्रीम कोर्ट के क्लीन चिट मिलने के बाद भी वे बिना सुबूत राफेल सौदे में प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगाते जा रहे हैं, दूसरी तरफ उनकी कंपनी में साझीदार आफसेट में भागीदार बन जाते हैं।
जेटली ने कहा कि कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व को इसका जवाब देना पड़ेगा कि स्कॉर्पीन सौदे में राहुल की भूमिका क्या है? क्या एक डिफेंस डीलर के रूप में उनकी शुरुआत थी या फिर वह प्राक्सी डिफेंस डीलर की भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के लिए बेहतर यही होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष सार्वजनिक जीवन के बजाय डिफेंस डील में ही रहें।
जेटली ने उलरिक मैक्नाइट को राहुल के सोशल गैंग का सदस्य बताते हुए कहा कि ब्रिटिश कंपनी में दोनों ने लंदन का एक ही पता दिया था। उन्होंने उलरिक को वृहत्तर गांधी परिवार का सदस्य बताया। जेटली के अनुसार, दोनों कंपनियों के पास कोई मैन्युफैक्च¨रग या सर्विस सेक्टर का काम नहीं था। बैकअप्स को बैक आफिस आपरेशंस का संक्षिप्त रूप बताते हुए जेटली ने कहा कि लगता है कि इसे विशेष रूप से डिफेंस डील की दलाली लेने के लिए ही बनाया गया था।
राफेल डील को लेकर राहुल गांधी के आरोपों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि अब साबित हो गया है कि जब वह प्रधानमंत्री मोदी पर एक उंगली उठा रहे थे, तो चार उंगलियों से अपनी ओर इशारा कर रहे थे।
यूपीए काल के रक्षा सौदे को लेकर शाह ने किया राहुल पर हमला
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यूपीए सरकार के दौरान हुए रक्षा सौदे पर एक मीडिया रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला किया। इस सौदे में कांग्रेस अध्यक्ष के कारोबारी साझीदार को आफसेट कांट्रैक्ट मिला था। बिजनेस टुडे पत्रिका के मुताबिक, ब्रिटेन की फर्म के साझीदार ने फ्रांस की कंपनी से आफसेट पार्टनर के रूप में रक्षा सौदा हासिल किया था। यह सौदा यूपीए शासनकाल में हुआ था। ब्रिटेन की फर्म में कांग्रेस अध्यक्ष की भी भागीदारी है।
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