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अब फिल्मी पर्दे पर चलेगा मोदी का जादू, 'आइ एम मोदी' फिल्म की शूटिंग शुरू

अब फिल्मी पर्दे पर प्रधानमंत्री मोदी का जादू चलेगा। निर्देशक सुभाष मिश्रा 'आइ एम मोदी' फिल्म बना रहे हैं। फिल्म की शूटिंग छत्तीसगढ़ में 30 दिन चलेगी।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sun, 01 Apr 2018 08:34 AM (IST)Updated: Sun, 01 Apr 2018 08:34 AM (IST)
अब फिल्मी पर्दे पर चलेगा मोदी का जादू, 'आइ एम मोदी' फिल्म की शूटिंग शुरू

रायपुर (नईदुनिया)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जिंदगी से जुड़े कई पहलू जल्द ही फिल्मी पर्दे पर दिखेंगे। देश के आम आदमी की मोदी के प्रति उत्सुकता को देखते हुए भोपाल निवासी निर्देशक सुभाष मिश्रा 'आइ एम मोदी' फिल्म बना रहे हैं। इसमें मोदी के बचपन का किरदार भोपाल निवासी 10 वर्ष के संकल्प यादव निभाएंगे।

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मां हीराबेन की भूमिका में अभिनेत्री दिव्या दत्ता नजर आएंगी। राजधानी के एक निजी होटल में शनिवार की शाम फिल्म के पहले दृश्य को फिल्माया गया। भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के साथ इसकी शुरुआत की गई। फिल्म की शूटिंग छत्तीसगढ़ में 30 दिन चलेगी।

छत्तीसगढ़ के इन जगहों पर होगी शूटिंग

मिश्रा ने बताया कि फिल्म के लगभग 60 प्रतिशत दृश्य छत्तीसगढ़ में फिल्माए जाएंगे। रायपुर शहर, महासमुंद के कुछ हिस्से व ओडिशा के खरियार रोड में शूटिंग होगी। फिल्म को सेंसर बोर्ड की अनुमति नहीं मिलने के कारण सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। इसके साथ ही फिल्म को रोचक और तथ्यों से जोड़ने लिए आठ माह तक गुजरात जाकर टीम ने अध्ययन किया है। इस फिल्म में निधि शर्मा, राजपाल यादव, जया चतुर्वेदी, शैलेश मिश्रा भी भूमिका निभाएंगे।

फिल्म के लिए जाना पड़ा सुप्रीम कोर्ट

इस फिल्म का निर्माण करने के लिए निर्देशक को सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा। मामला यह था कि प्रधानमंत्री के नाम पर होने के कारण फिल्म सेंसर बोर्ड ने टाइटल नेम देने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने बताया कि फिल्म के टाइटल को पाने के लिए अच्छी-खासी मेहनत करनी पड़ी है। इस वजह से हमें सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाना पड़ा। कोर्ट ने कहा कि देश के वैज्ञानिक और राष्ट्रपति पर फिल्म बनाई जा सकती है तो प्रधानमंत्री पर क्यों नहीं। इसके बाद कोर्ट के निर्देश से फिल्म की शूटिंग प्रारंभ की गई।

आठ महीने गुजरात में हुई रिसर्च

फिल्म की टीम गुजरात की पृष्ठभूमि पर पूरे आठ महीने रिसर्च किया। इसमें प्रधानमंत्री के बचपन से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तक के सफर का अध्ययन किया गया। इसके साथ ही उनकी इस यात्रा में कौन-कौन सहयोगी बने, उसके अनुसार ही पात्रों का चयन किया गया। बाल पात्र के लिए देशभर के 7 राज्यों के स्कूलों में ऑडिशन रखा गया था।


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