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UPA सरकार की 70 हजार करोड़ की कर्जमाफी के बाद बढ़ीं किसान आत्महत्याएं: पुरुषोत्तम रुपाला

लोकसभा में प्रश्न काल को दौरान केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि यूपीए सरकार में 70000 करोड़ रुपये की ऋण माफी की घोषणा के बाद सबसे ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 02:05 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 02:05 PM (IST)
UPA सरकार की 70 हजार करोड़ की कर्जमाफी के बाद बढ़ीं किसान आत्महत्याएं: पुरुषोत्तम रुपाला

नई दिल्ली,प्रेट्र। लोकसभा में आज किसानों को लेकर एक बार फिर चर्चा की गई। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने मंगलवार को कहा कि किसानों की आत्महत्या के बाद 2008 में पूर्व यूपीए सरकार में 70,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी की घोषणा की गई थी। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रूपाला ने यह भी कहा कि मेगा ऋण माफी योजना की घोषणा के बाद आयोजित एक ऑडिट की गई जिसमें पाया गया कि जो लोग किसान नहीं थे उन्हें भी ऋण माफी दी गई थी।

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उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा, '70,000 करोड़ रुपये की ऋण माफी योजना की घोषणा के बाद किसानों की आत्महत्या में वृद्धि हुई थी।' इस सवाल पर जवाब देते हुए कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की आत्महत्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार को एक राष्ट्रीय नीति लाने का सुझाव दिया है, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 जुलाई, 2017 को अपने आदेश में कहा था कि इस तरह का मुद्दा  रातोंरात नहीं निपटाया जाता। यह अटॉर्नी जनरल के लिए उचित है कि वह योजनाओं को उचित रूप से पूरा करने के लिए समय निकालें।

तोमर ने कहा कि कृषि एक राज्य का विषय है, राज्य सरकारें परिप्रेक्ष्य योजनाओं और विकास, कार्यक्रमों और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन का कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकारों के प्रयासों का पूरक है। मंत्री ने कहा कि सरकार पहले की उत्पादन केंद्रित नीति के खिलाफ आय-केंद्रित दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करके कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित कर रही है। उन्होंने किसानों के लिए उच्च लाभ अर्जित करने के नजरिए से उच्च उत्पादकता, खेती की कम लागत और उपज पर पारिश्रमिक मूल्य प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया।


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