2019 आम चुनाव में सोशल मीडिया का ऐसा इस्तेमाल होगा, जो कभी न होगा
आम चुनाव में सोशल मीडिया की सबसे बड़ी भूमिका भी देखने को मिलेगी। सत्ताधारी भाजपा इस ऑनलाइन लड़ाई के लिए तैयार है।
जयपुर, रायटर। भारत में जब अगले साल आम चुनाव होगा, तो यह न सिर्फ दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक कवायद होगी, बल्कि इस दौरान चुनाव में सोशल मीडिया की सबसे बड़ी भूमिका भी देखने को मिलेगी। सत्ताधारी भाजपा इस ऑनलाइन लड़ाई के लिए तैयार है।
दूसरी तरफ, हालिया विधानसभा चुनाव में शानदार सफलता से उत्साहित कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष भी पूरी तरह तैयार है। अगले साल मई तक आम चुनाव होने की संभावना है। जीत का परचम कौन लहराएगा, इसका फैसला करने में फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप की भूमिका काफी अहम रहने वाली है।
50 करोड़ लोगों तक इंटरनेट की पहुंच
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में 90 करोड़ वोटर हैं। अनुमान के मुताबिक, इनमें से करीब 50 करोड़ की पहुंच इंटरनेट तक है। इनमें फेसबुक के 30 करोड़ यूजर हैं, तो फेसबुक के मालिकाना हक वाली व्हाट्सएप मैसेजिंग सर्विस के भी करीब 20 करोड़ यूजर हैं। सोशल मीडिया पर वोटरों की यह मौजूदगी दुनिया के किसी भी लोकतंत्र से ज्यादा है। इसके अलावा ट्विटर का इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी करोड़ों में है।
ऐसा इस्तेमाल कभी नहीं हुआ
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित डायकिन विश्वविद्यालय में संचार की प्रोफेसर उषा एम. रोड्रिग्स ने भारतीय राजनीति और सोशल मीडिया का गहराई से अध्ययन किया है। वह कहती हैं कि भारत के अगले चुनाव में सोशल मीडिया और डाटा एनालिटिक्स का किरदार काफी अहम रहेगा। इनका ऐसा इस्तेमाल होगा, जो पहले कभी नहीं हुआ है, क्योंकि दोनों बड़ी पार्टियां अब सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करती हैं।
चुनाव में सोशल मीडिया के दुरुपयोग की भी काफी आशंका है। धार्मिक विविधता वाले देश में भड़काऊ खबरें और विडियो हिंसा भड़काने में सक्षम हैं। दोनों ही प्रमुख पार्टियां एक दूसरे पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगा रही हैं।
आक्रामक अभियान के लिए बने वॉर रूम
दोनों ने चुनावी समर के लिए अपने-अपने हथियारों को धार देना शुरू कर दिया है। कांग्रेस जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी आर्थिक नीतियों और उनकी पार्टी की हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा को लेकर हमला कर रही है, वहीं भाजपा कांग्रेस को जनता से कटी हुई बताकर उस पर निशाना साध रही है। दोनों ही पार्टियों ने सोशल मीडिया पर आक्रामक अभियान के लिए वॉर रूम बना रखे हैं।
45 करोड़ लोग करते हैं स्मार्टफोन का इस्तेमाल
काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक 2014 में भारत में 15.5 करोड़ लोगों के पास स्मार्टफोन था। अभी 45 करोड़ लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। यह अमेरिका की पूरी आबादी से भी ज्यादा है। ये आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि इस बार के चुनाव में सोशल मीडिया की कितनी अहम भूमिका रहने वाली है।