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विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- मोदी सरकार के चलते पाकिस्तान एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में

जयशंकर ने कहा कि चीन की तरफ से हमें दो चुनौतियां मिलीं और भारत ने दोनों ही चुनौतियों का डटकर सामना किया। पहली चुनौती डोकलाम में मिली जहां चीन को पीछे हटना पड़ा। दूसरी चुनौती लद्दाख में जब चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार करने की कोशिश की।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 11:06 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 11:06 PM (IST)
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- मोदी सरकार के चलते पाकिस्तान एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में
विदेश मंत्री ने कहा, अब दुनिया जानती है, भारत अब चीन के दबाव में नहीं आएगा

नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की कोशिशों से ही पाकिस्तान वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में शामिल हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने दुनिया को यह बता दिया है कि भारत अब चीन के दबाव में नहीं आएगा।

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जयशंकर ने कहा- पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने का प्रयास

संसद के मानसून सत्र से पहले मोदी सरकार की विदेश नीति पर भाजपा नेताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि सरकार ने पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने का प्रयास किया।

पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों से कहा- आतंकवाद हर देश की समस्या: विदेश मंत्री

सरकार की सराहना करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 या जी-20 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों के माध्यम से आतंकवाद को वैश्विक चिंता का विषय बनाना सुनिश्चित किया। प्रधानमंत्री ने अपने व्यक्तिगत प्रयासों से राष्ट्रों को यह अहसास कराया कि आतंकवाद किसी एक देश की नहीं बल्कि हर किसी की समस्या है।

जयशंकर ने कहा-  मोदी सरकार के चलते एफएटीएफ ने पाक को ग्रे सूची में रखा

बताया जाता है कि जयशंकर ने नेताओं से कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं एफएटीएफ आतंकवाद के लिए फंडिंग पर नियंत्रण रखता है और आतंकवाद का समर्थन करने वाले काले धन से निपटता है। हमारे प्रयासों से ही पाकिस्तान एफएटीएफ की नजर में है और उसे ग्रे सूची में रखा गया है।'

विदेश मंत्री ने कहा- दुनिया जानती है, भारत अब चीन के दबाव में नहीं आएगा 

जयशंकर ने कहा कि चीन की तरफ से हमें दो चुनौतियों का सामना करना पड़ा और भारत ने दोनों ही चुनौतियों का डटकर सामना किया। पहली चुनौती डोकलाम में मिली जहां चीन को पीछे हटना पड़ा। दूसरी चुनौती लद्दाख में मिली जब चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार करने की कोशिश की। कोरोना महामारी का सामना करते हुए भी हमने जमीनी स्तर से लेकर कूटनीतिक स्तर पर इस चुनौती का भी मुंहतोड़ जवाब दिया। 


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