चंद्रबाबू ने सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पर लगाए फोन टैपिंग के आरोप, पीएम से जांच की गुहार
तेदेपा अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस अपने राजनीतिक फायदे के लिए अवैध तरीके से फोन टैप करवा रही है।
अमरावती, पीटीआइ। तेलुगु देसम पार्टी (Telugu Desam party) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) ने सोमवार को केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress) राजनीतिक लाभ के लिए गैरकानूनी रूप से फोन टैपिंग करा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से इस पर रोक लगाने के लिए केंद्र की सक्षम संस्था से इसकी जांच कराने का अनुरोध किया है। वहीं वाईएसआर कांग्रेस ने कहा कि यह आरोप बदनाम करने के लिए लगाया गया है।
चंद्रबाबू ने आरोप लगाया कि वाईएसआर कांग्रेस गैरकानूनी रूप से विपक्षी पार्टियों, अधिवक्ताओं, मीडिया कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन टैप करा रही है। ऐसा लगता है कि वाईएसआर कांग्रेस ने अब लोकतंत्र के तीसरे स्तंभ न्यायपालिका को भी निशाना बनाया है क्योंकि न्यायपालिका से उसे बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने पत्र की प्रति केंद्रीय संचार एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को भी भेजी है। नायडू ने आरोप लगाया कि निजी स्तर पर भी कुछ लोग अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अवैध तरीके से फोन टैप कर रहे हैं।
तेदेपा अध्यक्ष ने आशंका जताई है कि यदि इस तरह अवैध तरीके से फोन टैप होता रहा तो इससे राष्ट्र की एकता और सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचेगा। उन्होंने कहा है कि आंध्रप्रदेश के लोग वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकाल में गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं। वाईएसआर कांग्रेस जब से सत्ता में आई है राज्य में लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमले बढ़ गए हैं। वहीं, राज्य के गृह मंत्री एम. सुचरिता ने कहा कि अगर विपक्षी नेता के पास कोई सुबूत है तो उसे सामने लाना चाहिए, लेकिन अगर आरोप मनगढंत निकले तो कार्रवाई का सामना करें।
CDR मुद्दे पर हाई कोर्ट पहुंचे नेता विपक्ष
कोच्चि, एएनआइ। कोविड-19 मरीजों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए उनके कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स (सीडीआर) हासिल करने के केरल सरकार के कदम के खिलाफ कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष रमेश चेन्नीथला ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि राज्य सरकार का कदम असंवैधानिक है और इस पर रोक लगनी चाहिए। याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की संभावना है।