चुनाव आयोग ने दिया आरोपों का जवाब, कहा-तय समय पर मिलेंगीं वीवीपैट मशीनें
चुनाव आयोग उन आरोपों का जवाब दे रहा था जिसमें कहा गया था कि 2019 के चुनावों तक वीवीपैट मशीन का निर्माण नहीं हो पाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। चुनाव आयोग ने बुधवार को बताया कि 2019 लोकसभा चुनावों में वीवीपैट (वोटर वैरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीन सभी बूथों पर उपलब्ध करवाने के लिए हमने 16.15 लाख वीवीपैट मशीनों का ऑर्डर दिया है। हम मशीन के उत्पादन और आपूर्ति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए सभी वीवीपैट तय समय के भीतर सुपुर्द किए जाएंगे। चुनाव आयोग उन आरोपों का जवाब दे रहा था जिसमें कहा गया था कि 2019 के चुनावों तक वीवीपैट मशीन का निर्माण नहीं हो पाएगा। आरोप में कहा गया था कि देश में अब तक सिर्फ 22 फीसदी वीवीपैट का निर्माण हो पाया है।
सितंबर तक मिल जाएंगीं 16 लाख वीवीपीएटी और 23 लाख ईवीएम मशीनें
इससे पहले 29 नंवबर, 2017 को तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोति ने कहा था कि उन्हें 2019 के आम चुनाव में इस्तेमाल के लिए सितंबर 2018 तक 40 लाख वीवीपीएटी मशीनें और ईवीएम मिल जाएंगे। जोति ने कहा कि ईवीएम से जुड़ी रहने वाली वीवीपैट मशीन से कागज की एक पर्ची निकलेगी जिसमें वोटर ने जिसे वोट दिया है, उस प्रत्याशी का नाम, उसकी पार्टी का चुनाव चिन्ह अंकित रहेगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इन 40 लाख मशीनों के लिए 5000 करोड़ रुपये की रकम मंजूर की है। मुख्य चुनाव आयुक्त जोति का कहना है कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें 23 लाख से अधिक ईवीएम मशीनों और 16 लाख से अधिक वीवीपैट मशीनों की आवश्यकता है।
सरकारी कंपनी कर रही वीवीपैट मशीनों का निर्माण
सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड और इलेक्ट्रानिक कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ही 40 लाख ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की आपूर्ति करेंगे। यह दोनों कंपनियां पिछले बीस सालों से चुनाव आयोग के लिए ईवीएम मशीनें बना रही हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि वीवीपैट के साथ ईवीएम ऐसी मशीनें हैं जो स्वतंत्र बैटरी से चलती हैं। इसका इंटरनेट या मोबाइल लिंक या अन्य किसी बाह्य रिमोट प्रणाली से कोई संबंध नहीं है। चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट के सितंबर, 2013 के फैसले का पालन करने के तहत वोटिंग प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए ईवीएम के साथ वीवीपैट का उपयोग कर रहा है।