EC ने Ashok Lavasa की असहमति वाली टिप्पणियों का खुलासा करने से किया इनकार
Election commission ने RTI के तहत चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की असहमति वाली टिप्पणियों का खुलासा करने से इनकार से इनकार कर दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। चुनाव आयोग (election commission) ने आरटीआई (RTI) के तहत चुनाव आयुक्त अशोक लवासा (Ashok Lavasa) की असहमति वाली टिप्पणियों (dissent note) का खुलासा करने से इनकार से इनकार कर दिया है। आयोग ने कहा है कि आरटीआई एक्ट (RTI act) के नियम 8 (1) (g) के तहत इस सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे किसी व्यक्ति का जीवन या शारीरिक सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
EC on an RTI seeking Ashok Lavasa's dissent note in connection with PM Modi's speeches during campaigning for Lok Sabha election 2019: Information can't be disclosed under rule 8 (1) (g) of RTI act, disclosure which will endanger life or physical safety of any person or identify. pic.twitter.com/mbXhxMIGs2
— ANI (@ANI) June 25, 2019
दरअसल, हालिया लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर भाषणों के जरिए आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। निर्वाचन आयोग में इसे लेकर शिकायत की गई थी। ये शिकायतें प्रधानमंत्री के वर्धा में एक अप्रैल, लातूर में नौ अप्रैल, पाटन और बाड़मेर में 21 अप्रैल तथा वाराणसी में 25 अप्रैल को रैलियों में दिए भाषणों को लेकर डाली गई थीं। इन्हीं शिकायतों पर किए गए फैसलों पर लवासा ने असहमति जताई थी। पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विहार दुर्वे ने सूचनाधिकार कानून के तहत लवासा की टिप्पणियों की बाबत जानकारी मांगी थी।
इस आरटीआई के जवाब में निर्वाचन आयोग ने सूचना के खुलासे से छूट लेने के लिए आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (जी) का हवाला दिया। आयोग की ओर से कहा गया कि इस धारा के तहत वैसी सूचना का खुलासा करने से छूट हासिल है जो किसी भी शख्स के जीवन या शारीरिक सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है। लवासा ने अपनी असहमति वाली टिप्पणियों को चुनाव आयोग के आदेशों में दर्ज करने की मांग की थी लेकिन ऐसा नहीं होने पर उन्होंने खुद को कथित तौर पर संबंधित मामले से खुद को अलग कर लिया था।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप