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हमारा पड़ोसी मुल्‍क देता है आतंकवाद को समर्थन, नाम लिए बिना पाकिस्‍तान पर विदेश मंत्री का वार

EAM S Jaishankar Slams Pakistan पाकिस्‍तान का नाम नहीं लिया लेकिन विदेश मंत्री ने कहा कि पड़ोसी मुल्‍क में सीमा पार आतंकवाद को समर्थन दिया जाता है और इसे खत्‍म करने के लिए उन्‍होंने अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर सहयोग को आवश्‍यक बताया।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 03:03 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 03:03 PM (IST)
हमारा पड़ोसी मुल्‍क देता है आतंकवाद को समर्थन, नाम लिए बिना पाकिस्‍तान पर विदेश मंत्री का वार
सीमा पार आतंकवाद को पड़ोसी देश का समर्थन

नई दिल्‍ली, एएनआइ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को दुनिया में फैले 'अंतरराष्‍ट्रीय आतंक' का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने आतंकवाद का नाम लेते हुए पाकिस्‍तान पर निशाना साधा। डेक्‍कन डायलॉग (Deccan Dialogue) के तीसरे एडीशन को वर्चुअली संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने आतंकवाद के अलावा जलवायु परिवर्तन (climate change) और महामारी (pandemics) पर भी चर्चा की। उन्‍होंने बगैर नाम लिए ही कहा, 'अंतरराष्‍ट्रीय आतंक की वैश्‍विक प्रकृति से दुनिया अवगत हो रही है। 

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आतंकवाद को मंच पर लाने के पीछे हमारे अथक प्रयासों ने आतंकवाद के वित्त, कट्टरता और साइबर भर्ती जैसे पहलुओं को सामने रखा है।' उन्‍होंने यह भी कहा, ' आतंकवाद की जहां तक बात है 9/11 के साथ ही 'ये मेरी परेशानी नहीं' युग का अंत हो गया लेकिन अभी भी सामूहिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रयास की आवश्‍यकता है। हमारे पास हमारे पड़ोसी मुल्क में देश प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद का उदाहरण मौजूद है ।' विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्‍य इस मुद्दे पर व्‍यापक से है वह जब तक नहीं होगा हम आराम नहीं करेंगे। 

 यह डेक्‍कन डायलॉग विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs), भारत सरकार (Government of India) द्वारा की गई शुरुआत है जिसका आयोजन हैदराबाद के इंडियन स्‍कूल ऑफ बिजनेस ने किया। वंदे भारत मिशन (Vande Bharat mission) पर बोलते हुए उन्‍होंने कहा कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान 24 लाख से अधिक भारतीयों को दूसरे देश से वापस भारत लाया गया। साथ ही दूसरे देश के जो नागरिक यहां फंस गए थेे उन्‍हें भी उनके वतन वापस भेजा गया। 

इससे पहले रविवार को 15वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बगैर चीन का नाम लिए ही उस पर निशाना साधा। उन्होंने दक्षिण चीन सागर का जिक्र किया और इस इलाके में हो रही घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे इस क्षेत्र में विश्वास खत्म हो रहा है। एस जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों की अनुपालना और क्षेत्रीय अखंडता एवं संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भी बात की।


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