48 माह के दौरान मोदी सरकार ने इन दस बिंदुओं पर किया सराहनीय काम
बीते 48 माह के दौरान मोदी सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में काफी काम किया। लेकिन इनमें दस क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर सरकार का काम सराहनीय रहा।
[डॉ. सुभाष शर्मा]। मोदी सरकार के चार साल के विश्लेषण के दौर में तमाम पहलुओं पर विमर्श का दौर जारी है, लेकिन इन 48 महीनों को कांग्रेसी राज के 48 वर्षो से तुलना करेंगे तो लगेगा कि देश ने इस दौर में कई पैमानों पर तरक्की की ऊंची उड़ान भरी है। पहला बिंदु दलित हितों के लिए काम करने का ले रहा हूं, क्योंकि पिछले कुछ समय से कांग्रेस और विपक्षी दल मोदी सरकार को दलित विरोधी साबित करने पर तुले हैं। जिन बाबा साहब आंबेडकर के नाम पर कांग्रेस राजनीति चमकाना चाह रही है, दरअसल उनके सम्मान के लिए 48 साल के राज में कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। जबकि मोदी सरकार ने उनसे जुड़े पांच स्थानों पर स्मारक बना कर उन्हें तीर्थ के नाते विकसित किया। उनकी जन्मशती पर सिक्का जारी किया। नए भारत के निर्माण का आधार बनने जा रहे डिजिटल लेन-देन के लिए बनाए गए एप का नाम भीम एप रखा। मोदी सरकार द्वारा गरीब परिवारों के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने वाली उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 3.85 करोड़ गैस कनेक्शन वितरीत किए गए हैं, जिसका 55 प्रतिशत लाभ दलित परिवारों को मिला है। स्टैंडअप योजना में दलित युवाओं को उद्योग लगाने के लिए सस्ते कर्ज मुहैया करवाए जा रहे हैं।
दूसरा बिंदु वित्तीय समावेशन का है, जिसके अंतर्गत मोदी सरकार ने जनधन योजना के तहत 31.56 करोड़ बैंक खाते खोले। आजादी के 67 साल में भी सभी लोगों के बैंक खाते नहीं खुले थे। जनधन खातों के माध्यम से सब्सिडी का पैसा सीधे गरीब के खाते में जाना शुरू हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1988 में कहा था कि मात्र 15 पैसे ही आम आदमी तक पहुंचते हैं, लेकिन कांग्रेस इस स्थिति को बदलने के लिए कुछ खास नहीं कर सकी, परंतु नरेंद्र मोदी ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है कि पूरा एक रुपया गरीब के पास पहुंचे।
तीसरा बिंदु पूवरेत्तर भारत के समग्र विकास का है, मोदी सरकार ने सभी उत्तर-पूर्व के राज्यों की राजधानियों को जैविक खेती की राजधानियां बनाया है। मेघालय, त्रिपुरा को पहली बार रेलवे से जोड़ा गया। सभी राज्यों में आइआइटी, एनआइटी स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। मणिपुर में देश की पहली स्पोर्ट्स युनिवर्सिटी बनाई गई है। जबकि कांग्रेसराज में उत्तर-पूर्व हमेशा अनदेखा ही रहा है।
चौथा बिंदु बिजली का है। नेहरू-गांधी परिवार के 48 साल के राज के बावजूद देश के हजारों गांवों में बिजली नहीं पहुच पाई थी। 15 अगस्त, 2015 को 18,452 गांवों की पहचान की गई, जहां बिजली नहीं पहुंची थी। बाद में इसमें 1275 और गांव जुड़े। 988 दिन में ही इन गांवों में बिजली पहुंचाई गई। मोदी सरकार के इस काम की तारीफ विश्व बैंक के लीड एनर्जी इकोनॉमिस्ट विवियन फोस्टर ने भी की है।
पांचवां बिंदु देश में सड़कों का जाल बिछाने को लेकर है, इसमें भी मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कार्य किया है। रोज औसतन 110 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें और 28 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया जा रहा है, जबकि 2010-14 के बीच ये औसतन 70 किलोमीटर और 12 किलोमीटर मात्र था। मोदी सरकार ने सागरमाला योजना के माध्यम से देश के सभी प्रमुख बंदरगाहों को जोड़ने का कार्य भी आरंभ किया है, जिससे कई पिछड़े क्षेत्रों का ना केवल विकास होगा, अपितु वो सीधे अपने उत्पादों को विदेशों में निर्यात कर सकेंगे।
छठा बिंदु प्रधानमंत्री आवास योजना है, जिसके माध्यम से गरीबों को घर देने के लिए भी मोदी सरकार तीव्र गति से काम कर रही है। औसतन 1.55 लाख मकान प्रति वर्ष शहरी इलाके में तथा एक करोड़ मकान ग्रामीण क्षेत्रों में बनाने का काम सरकार तत्परता से कर रही है।
सातवां बिंदु स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर है। गरीब व्यक्ति को अच्छा इलाज मिले इसके लिए मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना बनाई है। जिसके तहत 50 करोड़ लोगों का स्वास्थ्य बीमा सरकार करवाएगी, जिससे 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मुफ्त में मिलेगी। सरकार द्वारा प्रधानमत्री जन औषधि परियोजना, इंद्रधनुष मिशन और अमृत योजना के माध्यम से सीधे करोड़ों लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुचाया गया है। जहां 2014 में केवल 99 जन औषधि केंद्र थे तो वहीं आज 3423 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं, जिसमें 600 प्रकार से ज्यादा की दवाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध हैं। मोदी सरकार द्वारा हर लोकसभा क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ा कदम होगा।
आठवां बिंदु किसान हितों का है जिसमें मोदी सरकार, कांग्रेस सरकारों के मुकाबले कहीं ज्यादा सफल हुई है। किसानों को नीम कोटेड यूरिया, मृदा हेल्थ कार्ड, फसल बीमा योजना, सिंचाई की बेहतर सुविधा जैसे अनेकों काम इस सरकार ने किए हैं। किसानों की सबसे बड़ी मांग थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल की लागत से डेढ़ गुना हो, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लागू कर दिया है। जबकि कांग्रेस हमेशा इस मांग से आंखें मूंदे रही। किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने की मोदी की योजना भी तेजी गति से आगे बढ़ रही है।
नौवां बिंदु रोजगार का है, जिसमें कांग्रेस का रिकॉर्ड बहुत बदतर रहा है। नेहरू-गांधी परिवार की गलत आर्थिक नीतियों का ही परिणाम है कि आज भारत की बेरोजगारी की दर दुनिया के ज्यादातर देशों से ज्यादा है। मोदी सरकार ने सिर्फ मुद्रा योजना के माध्यम से ही बारह करोड़ तैंतीस लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज सस्ते दर पर मुहैया करवाया है, जिससे करोड़ों की संख्या में रोजगार पैदा हुए हैं। आइआइएम बेंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की सौम्य कांति घोष ने एक रिसर्च पेपर पेश किया है, जिसके अनुसार सिर्फ 2017 में ही 70 लाख लोगों को संगठित क्षेत्र में नौकरी मिली है जो अपने आप में सुखद बात है। मेक इन इंडिया के तहत भी 70 अरब डॉलर का विदेशी निवेश प्रस्ताव आया है, जिससे लाखों नौकरियां पैदा हुई हैं।
दसवां बिंदु अल्पसंख्यक समुदाय के हितों का है। हालांकि भाजपा पर अल्पसंख्यक विरोधी होने का आरोप लगता रहा है, परंतु केंद्र की उसकी सरकार ने नई मंजिल, हुनरहाट और उस्ताद जैसी योजनाओं के माध्यम से उनके सर्वागीण विकास का प्रयास किया है। साथ ही मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले वाले अन्यायों की समाप्ति के लिए भी मोदी सरकार दी मुस्लिम वीमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज) बिल, 2017 लेकर आई है।
[लेखक सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी रिसर्च, चंडीगढ़ में निदेशक हैं]