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मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री जीतू पटवारी बोले, Honey trap गंभीर मुद्दा बख्शे नहीं जाएंगे दोषियों

हनीट्रैप मामले को लेकर मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि राज्य में कथित हनी ट्रैप मामले के कारण राज्य कोष प्रभावित हुआ है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 08:53 AM (IST)
मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री जीतू पटवारी बोले, Honey trap गंभीर मुद्दा बख्शे नहीं जाएंगे दोषियों

नई दिल्ली,एएनआइ। मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने गुरुवार को कहा कि राज्य में कथित हनी ट्रैप मामले के कारण राज्य कोष प्रभावित हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ गंभीर हैं। मामले की जांच के लिए उन्होंने विशेष एसआईसी का गठन भी किया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बारे में स्पष्ट हैं कि दोषियों को किसी स्थिति में बख्शा जाएगा। 

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इस मामले में मध्यप्रदेश पुलिस ने पांच महिलाओं समेत छह लोगों को इंदौर और भोपाल से गिरफ्तार किया है। पुलिस की गिरफ्त में आए इस गिरोह के जाल में राजनेताओं और आला सरकारी अधिकारियों समेत कई प्रभावशाली लोगों के फंसने की संदेह है। 

जानकारी के लिए बता दें कि  मध्यप्रदेश के हनी ट्रैप मामले से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। इस केस में रोजाना नई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। अब यह बात सामने आई है कि इस बड़े ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट में 40 से अधिक कॉल ग‌र्ल्स और बॉलीवुड की बी-ग्रेड अभिनेत्रियां भी कथित रूप से शामिल रही हैं। इन्होंने राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यपाल समेत कई अफसरों व नेताओं को अपने जाल में फंसाया।

अफसरों की मिली आपत्तिजनक वीडियो 

मामले की जांच कर रही एसआइटी टीम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस मामले में अभी तक अफसरों व नेताओं की आपत्तिजनक अवस्थाओं की 92 वीडियो क्लिप बरामद हुई है। ये सभी गिरफ्तार हुए पांच महिलाओं के कई मोबाइल फोनों और दो लैपटॉप से मिली हैं। इस रैकट की मास्टमांइड श्वेता स्वप्निल जैन ने राज्य सरकार के महत्वपूर्ण विभागों को संभालने वाले अफसरों व नेताओं के हनीट्रैप के लिए बड़ी कॉल ग‌र्ल्स को अपने साथ जोड़ा था। श्वेता इन कॉल गर्लस को गेस्ट हाउस या किसी पांच सितारा हॉटल में अफसरों और नेताओं के पास भेजती थी। 

कांग्रेस ने लगाया ये आरोप 

गुरुवार को कांग्रेस ने श्वेता की नियुक्ति के दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए आरोप लगाए कि आरोपित श्वेता विजय जैन को किशोर न्याय बोर्ड (जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड) में सदस्य नियुक्त किया गया था। शिवराज सिंह सरकार में वह आठ वर्ष तक बोर्ड में सदस्य के तौर पर पदस्थ रही। सामाजिक कार्यकर्ता बताते हुए राज्य सरकार की ओर से श्वेता की बोर्ड में नियुक्ति की गई थी। कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेशसिंह यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हनी ट्रैप की मास्टरमाइंड को संरक्षण दे रहे थे। 

यादव ने दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए कहा कि 2006 से 2014 तक लगातार आठ वर्ष तक श्वेता जैन सागर के किशोर न्याय बोर्ड में सदस्य रही। खास बात ये है कि बोर्ड में सदस्य की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश एक चयन समिति करती है। इसमें जिला व सत्र न्यायाधीश, जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक होते हैं। कमेटी के नामों पर राज्य सरकार मुहर लगाकर नियुक्ति आदेश जारी करती है।

बोर्ड को दंड प्रक्रिया संहिता के तहत शक्तियां होती हैं। किशोरों से जुड़े मामलों व पुनर्वास आदि के प्रकरणों का निराकरण बोर्ड करता है। किशोर बोर्ड की वर्षो तक सदस्य रही महिला अब हनी ट्रैप में पकड़ी गई। ऐसे में सवाल उठता है कि उस पर राज्य सरकार ने जमकर मेहरबानी क्यों की?उन्होंने कहा कि नियमानुसार सिर्फ तीन साल के लिए बोर्ड का गठन होता है। साथ ही किसी भी सदस्य को सिर्फ दो कार्यकाल तक नियुक्ति दी जा सकती है। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर श्वेता को आठ वर्ष तक सदस्य कैसे बनाए रखा गया? इस नियुक्ति में उस वक्त पदस्थ अधिकारियों के साथ सरकार की भूमिका भी जांच होनी चाहिए। 


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