कोरोना के चलते एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन ने सादगी के साथ मनाया 85वां जन्मदिन
परिवार के आग्रह पर राज्यपाल टंडन ने हरसिंगार के फूल का पौधा रोपा। पौराणिक व लोक कथाओं में इस पुष्प की काफी महत्ता बताई गई है।
भोपाल, स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपनी 85वीं सालगिरह इस बार अलग अंदाज में मनाई। कोरोना महामारी को देखते हुए उन्होंने कोई आयोजन तो नहीं रखा, लेकिन राजभवन के जवाहरखंड परिसर में उन्होंने हरसिंगार का पौधा रोपा। इस दौरान शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन किया गया।
कोरोना योद्धाओं समेत राजभवन स्टाफ को कराया भोजन
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में तैनात पुलिसकर्मी, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, कंट्रोल रूम के स्टाफ एवं सफाईकर्मियों को उन्होंने भोजन के 600 पैकेट बनवाकर भिजवाए। खाने के पैेकेट में पूरी, छोले व हरी सब्जी, पुलाव एवं हलवा था। राजभवन में भी उन्होंने सुरक्षा अमला, डॉक्टर, सफाईकर्मी, माली और उनके परिसहाय सहित अन्य विभागों में कार्यरत स्टाफ को भी भोजन कराया।
राज्यपाल टंडन ने हरसिंगार के फूल का पौधा रोपा
परिवार के आग्रह पर राज्यपाल टंडन ने हरसिंगार के फूल का पौधा रोपा। पौराणिक व लोक कथाओं में इस पुष्प की काफी महत्ता बताई गई है। बंगाल में यह राजकीय पुष्प सफेद-गुलाबी रंग का होता है। यह पौधा केवल रात में खिलता है, सुबह इसके सभी पुष्प झड़ जाते हैं। इसका औषधीय महत्व भी है। जोड़ों के दर्द, साइटिका एवं अन्य रोगों में इसकी छाल, फूल, पत्तियों और बीज की काफी मांग है। आयुर्वेद विशेषज्ञ खासतौर पर इसका उपयोग हृदय रोग, ज्वर, सूखी खांसी, अस्थि-मज्जा में रक्त शोधन के लिए करते हैं।
कोरोना वायरस के सैंपल लेने का तरीका सही नहीं
कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लेने का तरीका सही नहीं होने से भोपाल के अभी तक 200 से ज्यादा सैंपल खारिज किए जा चुके हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा तय गाइडलाइन में सैंपल नहीं लेने और भेजने से लैब में इन्हें खारिज किया जा रहा है। इसके बाद कुछ संदिग्धों के सैंपल तो दोबारा हो जाते हैं, पर ऐसे लोगों के सैंपल फिर नहीं लिए जाते जो संदिग्ध की श्रेणी में नहीं आते और उनका सैंपल लेने की जरूरत नहीं है। छह अप्रैल को ही 58 सैंपल खारिज किए गए हैं।