डीएम, कलेक्टर के पास होगा गोद लेने की मंजूरी देने का अधिकार, कानून में होगा संशोधन
जेजे एक्ट में संशोधन कर कोर्ट की जगह जिला दंडाधिकारी/कलेक्टर को गोद लेने की मंजूरी देने के लिए सक्षम अधिकारी बनाया जाएगा।
नई दिल्ली, आइएएनएस। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी जुवनाइल जस्टिस (जेजे) अधिनियम में संशोधन करने जा रही हैं। इसके बाद जिला दंडाधिकारी (डीएम) और कलेक्टर गोद लेने को मंजूरी देने में सक्षम अधिकारी होंगे। अभी तक गोद लेने की मंजूरी अदालत से मिलती है। झारखंड में गैरकानूनी रूप से गोद लेने का मामला सामने आने के कुछ दिनों बाद केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रभारी मंत्रियों के राष्ट्रीय कांफ्रेंस को संबोधित कर रही थीं। मंत्रालय ने ट्वीट में कहा है, 'हम जेजे एक्ट में संशोधन करने जा रहे हैं। इससे कोर्ट की जगह जिला दंडाधिकारी/कलेक्टर को गोद लेने की मंजूरी देने के लिए सक्षम अधिकारी बनाया जाएगा।'
मेनका गांधी ने सोमवार को झारखंड सरकार को मदर टेरेसा फाउंडेड मिशनरीज ऑफ चैरिटी (एमओसी) द्वारा संचालित सभी चाइल्ड केयर होम्स की जांच करने का निर्देश दिया था। उन्होंने रांची में ऐसे ही एक होम्स में कथित रूप से गैरकानूनी गोद लेने का मामला सामने आने के बाद यह निर्देश दिया है। पांच जुलाई को झारखंड पुलिस ने रांची में एमओसी संचालित संगठन की एक नन और एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया था। दोनों पर 1.2 लाख में बच्चा बेचने का आरोप है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि एक महीने के भीतर सभी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन पंजीकृत हो जाएं और देश के शीर्ष निकाय के साथ जुड़ जाएं।