कर्नाटक के अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने शीघ्र सुनवाई की मांग की
जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने इस मामले का उल्लेख करते हुए इसे शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के कांग्रेस तथा जदएस के बागी विधायकों से उन्हें अयोग्य ठहराए जाने को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर शीघ्र सुनवाई की मांग संबंधी मेमो रजिस्ट्रार को सौंपने का निर्देश दिया। राज्य विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहराया है।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने इस मामले का उल्लेख करते हुए इसे शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। इस पर पीठ ने कहा कि इस संबंध में रजिस्ट्रार को ज्ञापन दिया जाए। रोहतगी ने पीठ को बताया कि इन सभी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया गया है और उनके मामले को 19 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के विश्वास प्रस्ताव पर 29 जुलाई को मतदान से पहले विधानसभा अध्यक्ष ने 17 बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था। सदन में शक्ति परीक्षण में सफल नहीं होने के कारण कुमारस्वामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद राज्य में बीएस येद्दयुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी।
कांग्रेस के दो बागी विधायक रमेश एल जारखिहोली और महेश कुमाथल्ली और एक निर्दलीय नेता आर शंकर को 25 जुलाई को अयोग्य ठहराया गया था। इन विधायकों ने 29 जुलाई को शीर्ष कोर्ट में चुनौती दी। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने अन्य 14 बागी विधायकों को 28 जुलाई को अयोग्य ठहराया।
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