Budget Session: संसद में चर्चा सीएए, एनआरसी, अनुच्छेद 370 और शाहीनबाग पर सिमटी बहस
राष्ट्रपति के अभिभाषण में यूं तो ऐस कई मुद्दे हैं जिसपर संसद में चर्चा हो सकती है लेकिन घूम फिर कर बात सीएए एनआरसी शाहीन बाग आदि पर आकर खत्म होती है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रपति के अभिभाषण में यूं तो ऐस कई मुद्दे हैं, जिसपर संसद में चर्चा हो सकती है लेकिन घूम फिर कर बात सीएए, एनआरसी, शाहीन बाग आदि पर आकर खत्म होती है। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भाजपा ने कांग्रेस और आप पार्टी पर शाहीन बाग में सीएए विरोधी प्रदर्शन को हवा देने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस ने झूठे वादों के जरिए वोट बटोरने तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं को बर्बाद करने के प्रत्यारोपों के जरिए भाजपा व सरकार को घेरने की कोशिश की। जबकि कुछ दलों ने देश में महंगाई, बेरोजगारी तथा हिंसात्मक माहौल पर असंतोष जताया।
शाहीन बाग को हवा दे रही हैं कांग्रेस व आप
धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस और आप दोनों शाहीन बाग आंदोलन को नैतिक समर्थन दे रही हैं। जहां सीएए विरोध के नाम पर देश विरोधी जहरीले भाषण दिए जा रहे हैं। उन्होंने कृषि, स्वास्थ्य, राष्ट्रीय सुरक्षा तथा डिजिटल मोर्चे पर भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने के लिए सरकार की सराहना की।
सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर पहुंचाई गई संविधान को चोट
शाहीन बाग से संबंधित एक वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि कांग्रेस व आप पार्टी बच्चों के मन में जहर घोलने में लगी हैं। वीडियो में एक बच्ची प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ हिंसा की बात करती है और भीड़ ताली बजाकर उसे शाबाशी देती नजर आती है। शाहीन बाग जाने वाला कोई विपक्षी नेता मुस्लिम देशों में मुसलमानों पर होने वाले अत्याचारों की चर्चा नहीं करता। इसी प्रकार गैर-भाजपा शासित राज्यों में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर संविधान को चोट पहुंचाई जा रही है।
उन्होंने सीएए लाने के लिए सरकार की तारीफ की और जबसे भाजपा सरकार केंद्र में आई है, राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत हुई है। उन्होंने डेरेक ओ ब्रायन का एक वक्तव्य का उद्धृत किया, जिसमें उन्होंने कहा था किस तरह पाकिस्तान जाने वाले उनके रिश्तेदारों को वहां से हटना पड़ा। जबकि जो रिश्तेदार भारत आए, वे समृद्ध हो गए। भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने प्रस्ताव का अनुमोदन करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने जनता से किए वादे पूरे कर राजनीति में विश्वसनीयता के संकट को खत्म किया है। लेकिन विपक्ष सरकार के अच्छे कार्यों को भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है।
एनआरसी से पूर्वोत्तर में हिंसा, 370 लाने में संसद की उपेक्षा
दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने सरकार पर वोट के लिए जनता से झूठे वादे करने तथा संवैधानिक संस्थाओं को चौपट करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संसद बची थी, लेकिन अनुच्छेद 370 को जिस तरह पारित कराया गया उससे उसका महत्व भी खत्म कर दिया गया। आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म करने के लिए सरकार ने जो कारण दिए, वे ज्यादातर गलत है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पिछड़ेपन को आधार बनाया। जबकि हकीकत ये है कि चाहे रोजगार हो या गरीबी स्तर, शिक्षा हो या स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति, तमाम पैमानों पर जम्मू-कश्मीर राज्य की स्थिति गुजरात समेत भारत के अनेक राज्यों से बेहतर थी। आजाद ने कहा कि पूर्वोत्तर में एनआरसी लागू करके सरकार ने पूरे क्षेत्र को अशांति की आग में झोंक दिया है। 'आज पूर्वोत्तर में कोई भी आपके साथ नहीं है। वहां के लोग आपकी विचारधारा के साथ नहीं है।'